मदन मोहन मालवीय ने शुरू कराया था BHU के काशी विश्वनाथ मन्दिर का निर्माण, बिरला ने कराया पूरा, छात्र, प्रोफेसर के अलावा बाहर के लोग भी करते हैं दर्शन

 

वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय में स्थित विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करने वालों का सावन के प्रथम सोमवार को दर्शनार्थियों का हुजूम उमड़ पड़ा। यहां पर सावन भर दर्शनार्थियों का तांता लगा रहता है, देश ही नहीं विदेशों से भी यहां पर दर्शन पूजन करने लोग पहुंचते हैं। 

सावन के सोमवार के अवसर पर सुबह बाबा का विधि विधान के साथ पूजन अर्चन और आरती किया गया। जिसके बाद दर्शनार्थियों को दर्शन के लिए मंदिर परिसर को खोल दिया गया। भोर से ही लोगों ने हर हर महादेव का जय घोष करते हुए दर्शन पूजन किया। लगभग 1 किलोमीटर दूर तक लाइन लगी रही। 

विश्वनाथ के दर्शन के लिए महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग बैरिकेडिंग भी की गई। इस मंदिर का निर्माण बीएचयू में पंडित मदन मोहन मालवीय द्वारा कराया गया था। निर्माण के साथ ही कुछ भाग मालवीय जी द्वारा नहीं बन सका, जिसके बाद इसकी जिम्मेदारी बिरला ने ली और इसे पूरा कराया। इस मंदिर को बिरला मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। 

इस मंदिर में आज पूरे दिन दर्शन पूजन का क्रम रात तक चलता रहेगा। कैंपस में रहने वाले छात्र छात्राओं के साथ ही यहां के प्रोफेसर व बाहर से आने वाले लोग भी दर्शन पूजन करते हैं। मंदिर परिषद के पास ही विशाल नंदी की भी मूर्ति है, जिसके कानों में मन्नत बोलकर लोग मनवांछित फल मांगते हैं। भारत का ये सबसे वि‍शाल शि‍व मंदि‍र ना सि‍र्फ बनारस की शान है बल्‍कि‍ इसकी भव्‍य नक्‍काशी और आस-पास का वातावरण यहां आने वाले हर कि‍सी का मन मोह लेता है।