कम मतदान के आंकड़ों ने चौंकाया, राजनीतिक दलों की बढ़ी धुकधुकी, जानिए 25 वर्षों में क्या रहा है बनारस का वोटिंग प्रतिशत

 
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गढ़ वाराणसी के मतदान प्रतिशत ने चौंका कर रख दिया है। यहां का मतदान प्रतिशत पिछले दो बार की तुलना में कम हुआ है। जिसके बाद तरह-तरह की चर्चाएं तेज हो गई हैं।

वाराणसी में इस बार कुल 56.35 प्रतिशत मतदान हुआ है। जिसमें शहर उत्तरी- 54.55 प्रतिशत, शहर दक्षिणी-57.7 प्रतिशत, कैंट- 51.47 प्रतिशत, सेवापुरी-60.93 प्रतिशत व रोहनिया में – 58.77 प्रतिशत मतदान हुआ है। वहीँ वाराणसी के चंदौली लोकसभा अंतर्गत शिवपुर विधानसभा में 63.53 प्रतिशत व अजगरा में 65.63 प्रतिशत मतदान हुआ है।

कम मतदान ने राजनीतिक दलों की चिंता बढ़ा दी है। वैसे यह बात सर्व विदित है कि वोटिंग प्रतिशत बढ़ने का फायदा हमेशा सत्तारूढ़ पार्टी को होता है, लेकिन अब मोदी के गढ़ में कम मतदान ने भाजपा नेताओं के माथे पर चिंता की लकीर खींच दी है। बीजेपी ने इस बार के चुनाव में पीएम को 10 लाख वोट दिलाने का लक्ष्य निर्धारित कर रखा था। इसी के बूते पर भाजपा ने ‘अबकी बार 400 पार’ का नारा भी दिया था। 

हालांकि राजनीती का ऊंट किस करवट बैठेगा, इसका पता 4 जून को ही चलेगा, लेकिन मौसम में नमी रहने के बावजूद कम मतदान ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। कम मतदान ने भाजपा समेत अन्य दलों की भोई धुकधुकी बढ़ा दी है। राजनीति के जानकारों का तो यह भी मानना है कि आज रात कई नेताओं को नींद नहीं आएगी।

एक नजर मतदान के आंकड़ों पर 

वर्ष               मतदान प्रतिशत

2019            58.05 %
2014            58.35 %
2009            42.61 %    
2004            42.55 %
1999            45.20 %