लोकसभा चुनाव: मतदाता सूची के बहाने घर-घर दस्तक देगी समाजवादी पार्टी, कार्यकर्ताओं ने कसी कमर

 
वाराणसी। ‘इंडिया’ गठबंधन की एक प्रमुख घटक दल समाजवादी पार्टी ने लोकसभा चुनाव को लेकर उत्तर प्रदेश में पूरी तरह गंभीर नजर आ रही है। पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव वोटरों को संगठन के पक्ष में करने के लिए कमरतोड़ मेहनत कर रहे हैं। अब जबकि लोकसभा चुनाव को लेकर मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्य अपने प्रगति पर है, तो पार्टी मुखिया ने भी इस पर अपनी निगाहें गड़ा दी है। मतदाता सूची में किसी प्रकार की गड़बड़ी न हो, इस पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है। इतना ही नहीं, मतदाता सूची के बहाने पार्टी घर-घर दस्तक देने का प्लान तैयार कर जिम्मेदारों को जिम्मेदारी सौंप दी है। 

लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी समाजवादी पार्टी ने इस बार मतदाता सूची पर खास फोकस करते हुए अब घर-घर जाकर इसका सत्यापन कराने का प्लान तैयार किया है। सभी जानते हैं कि मतदाता सूची का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण अभियान बीते 27 अक्टूबर से नौ दिसम्बर तक चलाया गया था। मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन 22 जनवरी को होना है। ऐसे में समाजवाद पार्टी के पास बहुत कम समय भी बचा है। यहीं वजह है कि प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने सभी जिलाध्यक्षों एवं महानगर अध्यक्षों को घर-घर जाकर मतदाता सूची का सत्यापन करने की जिम्मेदारी सौंपी है। अभियान के दौरान मतदाता सूची में जोड़े गए, काटे गए और संशोधित किए गए नामों का पार्टी कार्यकर्ता घर-घर जाकर सत्यापन करेंगे।

एक पदाधिकारी के मुताबिक, वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में हार की वजह मतदाता सूची को भी पार्टी मानती है। पार्टी ने उस समय आरोप भी लगाया था कि उसके समर्थक मतदाताओं के नाम जान-बूझकर काट दिए गए। पुराने अनुभव से सीख लेते हुए अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी अभी से ही सतर्क है। यहीं वजह है कि मतदाता सूची के सत्यापन पर सबसे अधिक फोकस किया है। इस बार जब विशेष संक्षिप्त मतदाता पुनरीक्षण अभियान शुरू हुआ था, तब पार्टी ने सबसे पहले बूथ लेवल एजेंट बनाए और बूथ कमेटियों को सक्रिय किया ताकि उसके समर्थकों के नाम मतदाता सूची में जुड़ने से वंचित न रह जाएं। सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने सभी जिला व महानगर अध्यक्षों को मतदाता सूची के सत्यापन की जिम्मेदारी सौंपी है। इस काम में वार्ड कमेटियों को लगाने के निर्देश दिए गए हैं।

पार्टी के जिला प्रवक्ता संतोष यादव बबलू एडवोकेट का कहना है कि प्रदेश अध्यक्ष ने निर्देशित किया है कि बीते 27 अक्टूबर को प्रकाशित अनंतिम मतदाता सूची का गहनता से अध्ययन किया जाए। बीते 27 अक्टूबर से नौ दिसम्बर के बीच चले विशेष अभियान में जितने नाम जोड़े गए, काटे गए व संशोधित किए गए नामों का घर-घर जाकर सत्यापन करना है। गड़बड़ी मिलने पर उसकी सूचना देना है और जरूरत के अनुसार नाम जोड़ने के लिए फार्म-सिक्स, नाम काटने के लिए फार्म-सेवन और संशोधित करने के लिए फार्म-आठ आॅनलाइन भरवाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पार्टी मुखिया अखिलेश यादव के दिशा-निर्देश पर सभी बूथ स्तर के सक्रिय कार्यकर्ताओं को इस काम के लिए लगाया जा चुका है।