काशी को मांस मदिरा मुक्त करने के लिए काशी के द्वादश ज्योतिर्लिंगों को सौंपा पत्र, ब्रह्म सेना और आगमन के सदस्यों ने निकाली यात्रा

 

वाराणसी। देवाधिदेव महादेव की नगरी काशी को मांस मदिरा मुक्त क्षेत्र घोषित करने की मांग तेज हो गई है। काशी के अन्तरगृही क्षेत्र में मांस मदिरा के बिक्री और सेवन पर पूर्णतः प्रतिबंध लगाने को लेकर आगमन संस्था और ब्रह्म सेना के सदस्यों ने काशी में द्वादश ज्योतिर्लिंग यात्रा निकाली। रविवार की सुबह गौरी केदारेश्वर के जलाभिषेक से इसकी शुरुआत हुई। भक्तों ने गौरी केदारेश्वर का जलाभिषेक कर उन्हें मांग पत्र सौंपा गया।

उसके बाद बैजनत्था स्थित बैजनाथ,कमच्छा के घृष्णेश्वर, सिगरा टीला स्थित मल्लिकार्जुन महादेव, लक्सा रामेश्वर कुण्ड स्थित रामेश्वर, हौजकटोरा में त्र्यम्बकेश्वर, महामृत्युंजय मंदिर में महाकालेश्वर (महाकाल), पठानी टोला में ओंकारेश्वर, भोंसले घाट में नागेश्वर महादेव, नेपाली खपड़ा, काशीकरवट में भीमाशंकर महादेव, विश्वनाथ धाम में काशी विश्वनाथ और मानमन्दिर घाट के समीप सोमेश्वर महादेव का दर्शन किया।

काशी के इन सभी द्वादश ज्योतिर्लिंगों में दर्शन और सामुहिक जलाभिषेक के बाद महादेव को एक मांग पत्र भी सौंपा गया। जिसमें काशी के अन्तरगृही क्षेत्र में अयोध्या और वृंदावन के तर्ज पर मांस मदिरा के बिक्री पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने की बात लिखी थी।

आगमन संस्था के संस्थापक और ब्रह्म सेना के प्रमुख डॉ संतोष ओझा ने बताया कि काशी दुनिया के प्राचीनतम शहरों में से एक है।इस शहर में स्वयं बाबा विश्वनाथ विराजमान है।ऐसे में इस पवित्र शहर में मांस मदिरा के बिक्री पर पूरी तरह प्रतिबंध लगना चाहिए।

बता दें कि इसके पहले भी आगमन संस्था और ब्रह्म सेना द्वारा इस मांग को लेकर जागरूकता यात्रा, पेंटिंग प्रतियोगिता सहित कई आयोजन हुई है। संस्था ने पीएम मोदी और सीएम योगी को इसके लिए पत्र भी भेजा है और अब इस मांग को लेकर काशी के पुराधिपति से गुहार लगाई गई है।