असम के राज्यपाल के शपथग्रहण में हर हर महादेव का उद्घोष, अलौकिक क्षण पर लक्ष्मण आचार्य ने काशी को किया याद
वाराणसी। काशी के रामनगर के रहने वाले लक्ष्मण आचार्य ने मंगलवार को असम के श्रीमंता शंकर देव इंटरनेशनल ऑडिटोरियम गुवाहाटी में राज्यपाल के पद के लिए शपथ लिया। गुवाहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विजय बिश्नोई ने नये राज्यपाल को पद की शपथ दिलायी। इस मौके पर मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और उनके कैबिनेट सहयोगी भी मौजूद थे।
इस अवसर के काशीवासी भी साक्षी बने। शपथ ग्रहण समारोह के मौके पर महामहिम राज्यपाल लक्ष्मण आचार्य काशी को याद करना नहीं भूले। समारोह के दौरान हर हर महादेव का उद्घोष भी हुआ। काशी से भाजपा काशी क्षेत्र के अध्यक्ष दिलीप पटेल के नेतृत्व में गुवाहाटी (असम )पहुंचे भाजपा पदाधिकारियों क्षेत्र महामंत्री अशोक चौरसिया, केंद्रीय खादी ग्रामोउद्योग के सदस्य एवं पुर्व जिलाध्यक्ष नागेंद्र रघुवंशी,काशी क्षेत्र चिकित्सा प्रकोष्ठ के संयोजक डॉ. अशोक राय, जिला उपाध्यक्ष सुरेश सिंह, मधुकर पाण्डेय, गणपति यादव आदि ने नई जिम्मेदारी के लिए राज्यपाल लक्ष्मण आचार्य को हर हर महादेव के उद्घोष के साथ बधाई व शुभकामनायें दी। इस मौके पर असम राजभवन में ख़ुशी का माहौल था।
राज्यपाल ने भी काशी से पहुंचे भाजपा पदाधिकारियों से मुलाक़ात के दौरान काशीवासियों का कुशलक्षेम पूछा। बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ एवं रामनगर स्थित माँ मनसा देवी का ध्यान किया। राज्यपाल महामहिम लक्ष्मण आचार्य को असम का राज्यपाल बनाने के साथ ही मणिपुर का अतिरिक्त प्रभार राज्यपाल के रूप में दिया गया है। इससे भाजपा काशी क्षेत्र में उत्साह का माहौल है।
बता दें कि भाजपा काशी क्षेत्र के अध्यक्ष के तौर पर लक्ष्मण आचार्य का कार्यकाल बेहतरीन रहा है। कार्यकर्ताओं के बीच बेहद लोकप्रिय श्री आचार्य ने काशी क्षेत्र के दो टर्न तक के अध्यक्ष पद का पदभार बड़ी कुशलता से पूर्ण किया। उनके कार्य काल में सभी चुनावों में भाजपा को बड़ी जीत मिली। भाजपा काशी क्षेत्र के अध्यक्ष दिलीप पटेल ने ख़ुशी जाहिर करते हुए उन्हें शुभकामनाएं दी। उन्होंने श्री आचार्य के नेतृत्व क्षमता की सराहना की। कहा कि वाराणसी का उप नगर रामनगर उनकी जन्म व कर्म स्थलीय रही है। संगठन को मजबूती देने के लिए उन्होंने कई पदों पर कार्य करते हुए भारतीय राजनीति में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने एक शिक्षक के तौर पर भी देश की सेवा की। अब दो राज्यों की जिम्मेदारी राज्यपाल के तौर पर मिली है जिसे वे बखूबी निभाएंगे।