काशी विद्यापीठ में शुरू होंगे लैंग्वेज कोर्स, शोध को मिलेगा बढ़ावा, क्वालिटी एश्योरेंस सेल की मीटिंग में हुआ निर्णय 

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में इंटरनल क्वॉलिटी एश्योरेंस सेल (IQAC) की त्रैमासिक बैठक बुधवार को आयोजित की गई। इसमें विश्वविद्यालय के शोध कार्यों को प्रोत्साहित करने और नए भाषा पाठ्यक्रम शुरू करने सहित कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। बैठक की अध्यक्षता कुलपति प्रो. आनंद कुमार त्यागी ने की, जिसमें विश्वविद्यालय की आंतरिक गुणवत्ता को बनाए रखने और इसे और अधिक उन्नत बनाने के लिए विभिन्न योजनाओं पर चर्चा की गई।
 
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वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में इंटरनल क्वॉलिटी एश्योरेंस सेल (IQAC) की त्रैमासिक बैठक बुधवार को आयोजित की गई। इसमें विश्वविद्यालय के शोध कार्यों को प्रोत्साहित करने और नए भाषा पाठ्यक्रम शुरू करने सहित कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। बैठक की अध्यक्षता कुलपति प्रो. आनंद कुमार त्यागी ने की, जिसमें विश्वविद्यालय की आंतरिक गुणवत्ता को बनाए रखने और इसे और अधिक उन्नत बनाने के लिए विभिन्न योजनाओं पर चर्चा की गई।

शोध और अकादमिक गुणवत्ता पर जोर
बैठक में कुलपति ने कॅरिअर एडवांसमेंट स्कीम (CAS) के तहत प्रमोशन से संबंधित स्क्रीनिंग प्रक्रिया को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए। प्रो. ए.एन. राय ने विश्वविद्यालय की आंतरिक गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (NAAC) एवं राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) द्वारा दिए गए मानकों को ध्यान में रखते हुए कार्ययोजना तैयार करने की आवश्यकता पर बल दिया।

इसके अतिरिक्त, शैक्षणिक सत्र 2026-27 के लिए एकेडमिक ऑडिट कराने और वन नेशन, वन सब्सक्रिप्शन स्कीम से संबंधित समुचित योजना बनाने पर सहमति बनी। साथ ही, यह भी निर्णय लिया गया कि 2025-26 से IQAC कैलेंडर को विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा, जिससे पारदर्शिता और सुगमता सुनिश्चित की जा सके। बैठक में उपस्थित IQAC निदेशक प्रो. नंदिनी सिंह, संचालन सदस्य डॉ. किरण सिंह और धन्यवाद ज्ञापन करने वाले डॉ. अंबरीश राय के अलावा डॉ. शिप्राधर, नीरज पारिख और प्रो. सविता भारद्वाज भी शामिल रहे।

नए भाषा पाठ्यक्रम और लैंग्वेज लैब का उन्नयन
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर की संस्थाओं के साथ-साथ स्थानीय शैक्षणिक एवं गैर-शैक्षणिक निकायों के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) करने पर विशेष ध्यान देना होगा। प्रो. हरिकेश सिंह ने सुझाव दिया कि विश्वविद्यालय को विभिन्न विषयों से संबंधित कम से कम 10 इनोवेटिव शोध क्षेत्रों की पहचान कर उन पर केंद्रित कार्य करने की आवश्यकता है। इसके अलावा, लैंग्वेज लैब को आधुनिक सॉफ्टवेयर से जोड़ने और नए भाषा पाठ्यक्रमों को शुरू करने की योजना पर भी चर्चा हुई।        

                                                                                                                                                                                
शिक्षा और शोध में नवाचार की दिशा में कदम
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ ने हमेशा से शिक्षा और शोध में गुणवत्ता बनाए रखने पर जोर दिया है। इस बैठक में लिए गए निर्णय न केवल विश्वविद्यालय के शैक्षिक और शोध स्तर को ऊपर उठाएंगे, बल्कि छात्रों को भी नए अवसर प्रदान करेंगे। विश्वविद्यालय प्रशासन के इन प्रयासों से शोध कार्यों को बढ़ावा मिलेगा और विद्यार्थियों को नवीनतम तकनीकों और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप शिक्षण सुविधाएं प्राप्त होंगी।