काशी के जैन, सिख, बौद्ध मंदिरों का होगा कायाकल्प, पर्यटन विभाग ने शासन को भेजा प्रस्ताव, श्रद्धालुओं के सुख-सुविधाओं का किया जायेगा विकास
पर्यटन विभाग ने मंदिरों के कायाकल्प कराने की उठाया जिम्मा
पर्यटन उपनिदेशक आर के रावत ने बताया कि वाराणसी में मंदिरों के कायाकल्प की विभाग द्वारा किया जा रहा है। जिसके तहत हिंदू मंदिरों को योजना के तहत संरक्षित किया जा रहा है। अब विभाग द्वारा काशी के प्रमुख जैन, गुरूद्वारा और बुद्ध मंदिरों को संरक्षित करने की योजना बनी है। शासन को इसकी संस्तुति भेजी गई है। आदेश मिलते ही जल्द यह संरक्षण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। उन्होंने बताया कि पहले फेज में चार गुरुद्वारा, आधा दर्जन जैन मंदिर व चार बुद्ध मंदिरों को लिया गया है।
मंदिर में पर्यटकों के सुविधाओं का किया जायेगा विस्तार
पर्यटन उपनिदेशक आर के रावत ने बताया कि मंदिरों में पर्यटकों के सुविधा के लिए रैंप, लाइट, पार्किंग और मार्ग को दुरुस्त कराया जायेगा। इसके अलावा मंदिर के स्वरूप को नए कलेवर के रूप में आम जनमानस के लिए तैयार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि हर मंदिर के मुख्यद्वार को आकर्षित बनाया जायेगा। साथ ही मंदिर के बाहर क्यूआर कोड लगाया जाएगा जिससे आने वाले पर्यटक अपने मोबाइल में मंदिर की विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकें।
वाराणसी के सीमा क्षेत्र के मंदिरों को भी किया जायेगा दुरूस्त
आर के रावत ने बताया कि वाराणसी एवं सीमा क्षेत्र के जिलों के मंदिरों को भी लिस्ट में शामिल किया जायेगा। जिसमें चंदौली के 2 और चकिया के 1 गुरूद्वारे को शामिल किया गया है। इसके अलावा शहर के 11 जैन मंदिरों को चिन्हित किया गया हैं। इन मंदिरों के सुंदरीकरण के बाद यहां आने वाले भक्तों को काफी खुशी होगी। साथ में उन्हें दर्शन पूजन करने में सहूलियत मिलेगी।