‘ज्ञानवापी मंदिर बनने के बाद फिर आएंगे काशी’ पंजाब के पूर्व मंत्री एमएस बिट्टा ने काशी विश्वनाथ का किया दर्शन, ज्ञानवापी मुक्ति की कही बात

 
वाराणसी। एक दिवसीय दौरे पर पंजाब राज्य के पूर्व कैबिनेट मंत्री एमएस बिट्टा सोमवार को वाराणसी पहुंचे। उन्होंने श्रीकाशी विश्वनाथ के दरबार में मत्था टेका। साथ ही हिंदू आस्था के केंद्र ज्ञानवापी में स्थित व्यास जी के तहखाने में भी झांकी दर्शन किया। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर आने से पूर्व बिट्टा ने काशी के कोतवाल बाबा काल भैरव के दरबार में भी विधि-विधान से पूजन अर्चन किया। 

विश्वनाथ मंदिर से दर्शन करने के बाद बिट्टा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि बाबा काशी विश्वनाथ के दर्शन करने का सौभाग्य मिला। बाबा से कामना की है कि अयोध्या के बाद अगला मिशन काशी और मथुरा रहेगा। ज्ञानवापी मस्जिद में स्थित व्यास जी तहखाने में पूजन अर्चन करके प्रण लिया है कि अब यहां तब हम आएंगे, जब ज्ञानवापी जी का दर्शन होगा। अयोध्या की तरह यहां भी भव्य मंदिर बनेगा।

बिट्टा ने कहा आज जब दर्शन करने गया, तो लोग बता रहे थे कि अंदर और भी ज्योर्तिलिंग है। हिन्दू धर्म को वो भी मिलनी चाहिए। सबसे बड़ी बात यह है कि अयोध्या में राम मंदिर का भव्य निर्माण हुआ। मुस्लिमों की तरफ से उसका स्वागत किया गया। सभी मुस्लिम बंधुओं ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान किया। अब समय आ गया है अयोध्या के राम मंदिर की तर्ज पर मुस्लिम बंधुओं को आगे आना चाहिए। काशी और मथुरा के हिन्दू मंदिर स्थान को छोड़कर सनातनियों को सौंप देना चाहिए। यह दुनिया के अंदर सेक्युलरिज्म का सबसे बड़ा सबूत होगा।

एमएस बिट्टा ने उन्होंने पाकिस्तान पर हमला बोलते हुए कहा कि वह भारत में हिन्दू मुस्लिम के बीच झगड़ा लगाकर देश की अखंडता को तोड़ना चाहता है। लेकिन भारत में हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध, पारसी समेत तमाम धर्मों के लोग एक साथ सदियों से रहते आए हैं, आगे भी सदियों तक रहेंगे पाकिस्तान के नापाक हरकतों का तमाशा अब ज्यादा नहीं चलेगा। समय आने पर देश इनको जवाब देगा।