काशी-तमिल संगमम : चित्र प्रदर्शनी में दिखेगी काशी-तमिल संस्कृति की झलक, स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास से भी रूबरू होंगे दर्शक
वाराणसी। काशी-तमिल संगमम के द्वितीय चरण का शुभारंभ रविवार से होगा। काशी के पावन गंगा तट नमो घाट पर 17 से 30 दिसम्बर 2023 तक आयोजित काशी तमिल संगमम स्थल पर केंद्रीय संचार ब्यूरो, सूचना और प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार, लखनऊ की ओर से "हमारा संकल्प विकसित भारत, काशी एवं तमिल संस्कृति, तमिल स्वतंत्रता आंदोलन विषयक चित्र प्रदर्शनी लगाई गई है। इसमें काशी और तमिलनाडु के भारतरत्न एवं पद्म पुरस्कार से सम्मानित व्यक्तित्वों की जीवनी को प्रदर्शित किया गया हैं।
प्रदर्शनी में तमिलनाडु एवं काशी के सामाजिक, राजनैतिक और सांस्कृतिक क्षेत्र के चर्चित एवं प्रतिष्ठित व्यक्तित्व के जीवन एवं योगदान की गाथा चित्रों एवं शब्दों में प्रदर्शित की गयी है। इसमें तमिलनाडु के प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी, पुली थेवर, वीरापाण्ड्य कट्टा बोम्मन, मारुथु ब्रदर्स, रानी वेलु नचियार, धीरन चिन्नमलै, ओंदीवीरन, वीरन अझगू मुत्तू कोणे आदि शामिल हैं। सामाजिक एवं राजनैतिक क्षेत्र के प्रमुख व्यक्तित्व चक्रवर्ती राजगोपालाचारी, डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन, सर चंद्रशेखर वेंकट रमन, के कामराज, चिदंबरम सुब्रमण्यम, मदुरै शंमुख वदिवु सुब्बु लक्ष्मी, एमजी रामचंद्रन आदि की जीवनी से लोग रूबरू होंगे।
प्रदर्शनी में वाराणसी के सामाजिक एवं राजनैतिक तथा सांस्कृतिक क्षेत्र के प्रमुख व्यक्तित्व महामना पंडित मदनमोहन मालवीय, डॉ भगवान दास, लालबहादुर शास्त्री, बिस्मिल्ला खां, पंडित रविशंकर आदि के बारे में जानकारी दी गयी है। साथ ही कांचीवरम और बनारसी सिल्क साड़ी और "हमारा संकल्प विकसित भारत" थीम पर केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में चित्रों और संक्षिप्त शब्दों के माध्यम से जानकारी देने का प्रयास किया गया है। पत्र सूचना कार्यालय, लखनऊ के अपर महानिदेशक विजय कुमार ने बताया कि यह प्रदर्शनी 17 से 30 दिसम्बर तक चलेगी। इसमें प्रवेश निःशुल्क है। प्रदर्शनी स्थल पर केंद्रीय संचार ब्यूरो, क्षेत्रीय कार्यालय, वाराणसी की ओर से प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। इसके विजेताओं को पुरस्कार भी प्रदान किया जाएगा।