काशी-तमिल संगमम 4.0 : नमो घाट पर प्रदर्शनी में उमड़ी भीड़, उत्तर और दक्षिण की विरासत व केंद्र सरकार की उपलब्धियों का आकर्षक प्रदर्शन 

नमो घाट पर आयोजित काशी–तमिल संगमम 4.0 में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की इकाई केंद्रीय संचार ब्यूरो (सीबीसी) द्वारा लगाई गई चित्र प्रदर्शनी लगातार आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। तीसरे दिन प्रदर्शनी में हजारों दर्शक पहुंचे, जिनमें तमिलनाडु से आए विशेष प्रतिनिधि, बड़ी संख्या में छात्र–छात्राएं और स्थानीय नागरिक शामिल रहे। आगंतुकों ने प्रदर्शनी में काशी और तमिलनाडु की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और ऐतिहासिक विरासत को जिस तरह प्रस्तुत किया गया है, उसकी सराहना की।
 

वाराणसी। नमो घाट पर आयोजित काशी–तमिल संगमम 4.0 में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की इकाई केंद्रीय संचार ब्यूरो (सीबीसी) द्वारा लगाई गई चित्र प्रदर्शनी लगातार आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। तीसरे दिन प्रदर्शनी में हजारों दर्शक पहुंचे, जिनमें तमिलनाडु से आए विशेष प्रतिनिधि, बड़ी संख्या में छात्र–छात्राएं और स्थानीय नागरिक शामिल रहे। आगंतुकों ने प्रदर्शनी में काशी और तमिलनाडु की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और ऐतिहासिक विरासत को जिस तरह प्रस्तुत किया गया है, उसकी सराहना की।

तमिलनाडु से आए डेलिगेट्स ने कहा कि प्रदर्शनी में दोनों क्षेत्रों की महान विभूतियों का अद्भुत समन्वय दिखता है, जो काशी–तमिल संबंधों की प्राचीनता और गहराई को दर्शाता है। सीबीसी द्वारा विद्यालयों से आए विद्यार्थियों के लिए चित्रकला प्रतियोगिता भी आयोजित की गई, जिसमें विजेताओं को सम्मानित किया गया।

प्रदर्शनी का मुख्य आकर्षण उन महान व्यक्तित्वों के चित्र और विवरण हैं, जिन्होंने राष्ट्र निर्माण, साहित्य, विज्ञान, दर्शन, सामाजिक सुधार और संस्कृति के क्षेत्र में अपूर्व योगदान दिया। तमिलनाडु की विभूतियों में ऋषि अगस्त्य, कवयित्री अव्वैयार, संत तिरुवल्लुवर, संत अंडाल, समाज सुधारक रामलिंग स्वामी (वल्लालर), गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन, वैज्ञानिक सुब्रह्मण्यन चंद्रशेखर, हरित क्रांति के जनक डॉ. एमएस स्वामीनाथन, पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम, नोबेल विजेता वेंकटरामन रामकृष्णन, तथा राजनेता के. कामराज और एमजी रामचंद्रन सहित अनेक महान व्यक्तियों की जीवनी और उपलब्धियों को चित्रों के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है।

इसी प्रकार काशी की ओर से संत कबीरदास, संत रविदास, पंडित मदन मोहन मालवीय, उस्ताद बिस्मिल्लाह खान, पंडित रविशंकर और साहित्यकार जयशंकर प्रसाद के जीवन दर्शन को भी प्रदर्शनी में स्थान दिया गया है। प्रदर्शनी में केंद्र सरकार की 11 वर्षों की उपलब्धियों, नई श्रम संहिताओं, विभिन्न वस्तुओं पर कम किए गए जीएसटी दरों तथा जन कल्याणकारी योजनाओं को भी प्रभावी ढंग से प्रदर्शित किया गया है। विशेष बात यह है कि प्रदर्शनी का डिजिटल संस्करण भी उपलब्ध कराया गया है, जिससे आगंतुक मोबाइल स्क्रीन पर भी पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। यह प्रदर्शनी 15 दिसंबर तक प्रतिदिन देखी जा सकेगी और शहर में आईईसी वैन के माध्यम से इसका लगातार प्रचार–प्रसार किया जा रहा है।