काशी-तमिल संगमम 3.0: नमो घाट पर 10 दिनों तक प्रस्तुत होंगे कई सांस्कृतिक कार्यक्रम, काशी के विभिन्न मंदिरों का दर्शन करेंगे दक्षिण भारतीय मेहमान
कलक्ट्रेट सभागार में डीएम एस. राजलिंगम ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि अबकी केटीसी की थीम ऋषि अगस्त्य और महाकुम्भ है। ऋषि अगस्त्य का दक्षिण भारतीय चिकित्सा प्रणाली 'सिद्धा में महत्वपूर्ण योगदान है। ऋषि अगस्त्य से सम्बंधित मंदिर काशी, तमिलनाडु समेत कई राज्यों में है। इसलिए काशी-तमिलनाडु के लोगों को दोनों संस्कृतियों के बीच सम्बंधों की जानकारी मिलेगी।
उद्घाटन समारोह में सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री एल. मुरुगन के भी शामिल होने की संभावना है। डीएम के अनुसार हर समूह का वाराणसी, प्रयागराज और अयोध्या मिलाकर कुल चार दिन का दौरा होगा। बीएचयू के ओंकारनाथ ठाकुर सभागार में एकेडमिक सत्र में तमिलनाडु के समूहों का काशी के सम्बंधित वर्गों संग संवाद होगा। सभी विश्वनाथ मंदिर, मां विशालाक्षी और मां अन्नपूर्णा मंदिर में दर्शन-पूजन करने जाएंगे। अबकी रामनगर का किला भी दिखाया जाएगा।
इसके अलावा गंगा में बोटिंग के साथ हनुमान घाट स्थित सुब्रमण्यम भारतीजी के आवास पर भी ले जाया जाएगा। सभी प्रयागराज महाकुम्भ में स्नान-ध्यान के बाद अयोध्या में श्रीराम लला के दर्शन-पूजन के लिए जाएंगे। वहां से लौटकर बनारस स्टेशन से तमिलनाडु रवाना होंगे। डीएम ने बताया कि छह समूह में 1200 लोग आएंगे। पहला छात्र, शिक्षक व लेखक, दूसरा समूह किसान और कारीगर, तीसरा पेशेवर और उद्यमी, चौथा स्वयं सहायता समूह, मुद्रा ऋण लाभार्थी और प्रचारक, पांचवां स्टार्ट-अप, इनोवेशन, शिक्षा तकनीक और अनुसंधान और अंतिम समूह केंद्रीय विश्वविद्यालयों के छात्रों का होगा। इनके अलावा दक्षिण भारत से 100 से ज्यादा कलाकार भी आएंगे। ये रोज शाम को नमो घाट पर सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति देंगे।