भक्तों का दुख-दर्द हरने गलियों में निकले काशी कोतवाल, स्वर्ण रजत पंचबदन प्रतिमा की भव्य शोभायात्रा निकली

भक्तों का दुख-दर्द जानने के लिए काशी कोतवाल कालभैरव रविवार को काशी की गलियों में भ्रमण पर निकले। स्वर्ण रजत पंचबदन प्रतिमा की शोभायात्रा में भक्त उमड़े। बाबा के दर्शन-पूजन के लिए भक्तों की भीड़ लगी रही। इस दौरान 40 स्थानों पर बाबा की आरती हुई। वहीं डमरू के नाद से इलाका गुंजायमान रहा। इस दौरान माहौल भक्तिमय बना रहा। 
 

वाराणसी। भक्तों का दुख-दर्द जानने के लिए काशी कोतवाल कालभैरव रविवार को काशी की गलियों में भ्रमण पर निकले। स्वर्ण रजत पंचबदन प्रतिमा की शोभायात्रा में भक्त उमड़े। बाबा के दर्शन-पूजन के लिए भक्तों की भीड़ लगी रही। इस दौरान 40 स्थानों पर बाबा की आरती हुई। वहीं डमरू के नाद से इलाका गुंजायमान रहा। इस दौरान माहौल भक्तिमय बना रहा। 

स्वर्णकार क्षेत्रिय कमेटी के पदाधिकारियों ने बताया कि साल में एक बार ही बाबा काल भैरव की शोभायात्रा निकलती है। इस बार बाबा की 71वीं शोभायात्रा निकाली गई। काशी कोतवाल काशी की गलियों में भ्रमण करते हैं। इस दौरान भक्तों को दर्शन देने के साथ ही उनके सभी दुख-दर्द हर लेते हैं। बताया कि बाबा की स्वर्ण रजत प्रतिमा को नगर में भ्रमण कराया जाता है। शोभायात्रा विश्वेश्वरगंज, मैदागिन, दारानगर समेत अन्य इलाकों में भ्रमण करते हुए वापस कालभैरव मंदिर पहुंचकर समाप्त होती है। 

कालभैरव मंदिर के महंत सुमित उपाध्याय ने बताया कि बाबा काल भैरवनाथ की स्वर्ण रजत प्रतिमा का दर्शन-पूजन होता है। दोपहर में भोग आरती होती है। तीन बजे के बाद से दर्शनार्थियों को बाबा का दर्शन मिलता है। बाबा के इस स्वरूप के दर्शन का क्रम रात 11 बजे तक चलता रहता है।

देखिये तस्वीरें ...

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