काशी में नवसंवत्सर का भव्य स्वागत, डमरुओं के निनाद के साथ गंगा आरती, जलाए 1000 दीए, हुई आतिशबाजी

बाबा विश्वनाथ की नगरी में हिंदू नव वर्ष का स्वागत भव्य तरीके से किया गया। अस्सी घाट पर जय मां गंगा सेवा समिति द्वारा विशेष गंगा आरती का आयोजन किया गया, जिसमें श्रद्धालुओं ने पूरे श्रद्धा और उत्साह के साथ भाग लिया। इस दौरान घाट पर डमरू की गूंज से माहौल भक्तिमय हो गया और हर-हर महादेव के जयघोष से पूरा क्षेत्र गूंज उठा।
 
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वाराणसी। बाबा विश्वनाथ की नगरी में हिंदू नव वर्ष का स्वागत भव्य तरीके से किया गया। अस्सी घाट पर जय मां गंगा सेवा समिति द्वारा विशेष गंगा आरती का आयोजन किया गया, जिसमें श्रद्धालुओं ने पूरे श्रद्धा और उत्साह के साथ भाग लिया। इस दौरान घाट पर डमरू की गूंज से माहौल भक्तिमय हो गया और हर-हर महादेव के जयघोष से पूरा क्षेत्र गूंज उठा।

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इस खास अवसर पर बीएचयू की छात्राओं ने घाट पर भव्य रंगोली तैयार की, जो आकर्षण का केंद्र रही। वहीं, पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए इको-फ्रेंडली पटाखे फोड़े गए, जिससे नव वर्ष के स्वागत में उत्साह बना रहे और पर्यावरण को भी नुकसान न पहुंचे। श्रवण मिश्रा ने बताया कि हिंदू नव वर्ष के शुभारंभ पर विशेष पूजा-अर्चना की गई। माता के नौ स्वरूपों की उपासना के साथ मां गंगा से यह प्रार्थना की गई कि यह नव वर्ष सनातन संस्कृति को और अधिक मजबूत बनाए और देश में सुख-शांति बनी रहे। घाट पर मौजूद श्रद्धालुओं ने हर-हर महादेव के जयघोष के साथ इस पावन पर्व का स्वागत किया।


बद्री विशाल ने बताया कि हर वर्ष की तरह इस बार भी अस्सी घाट पर 1000 दीप जलाए गए और मां गंगा की विशेष पूजा की गई। इसके साथ ही, उपस्थित लोगों को संकल्प दिलाया गया कि वे हिंदू नव वर्ष को अधिक से अधिक प्रचारित करें, ताकि इसे हर जगह धूमधाम से मनाया जा सके। इस ऐतिहासिक आयोजन ने काशी में नव वर्ष की शुरुआत को खास बना दिया और सनातन संस्कृति के प्रति श्रद्धालुओं की आस्था को और भी मजबूत किया।