रंगभरी एकादशी पर सजा कालभैरव दरबार, भक्तों ने बाबा को अर्पित किया अबीर-गुलाल, गूंजी जय-जयकार

रंगभरी एकादशी पर बाबा कालभैरव का दरबार भव्य तरीके से सजाया गया। भक्तों ने बाबा को अबीर-गुलाल अर्पित किया। वहीं एक-दूसरे को होली की बधाई दी। मंदिर परिसर बाबा के जयकार से गूंजता रहा। 
 

वाराणसी। रंगभरी एकादशी पर बाबा कालभैरव का दरबार भव्य तरीके से सजाया गया। भक्तों ने बाबा को अबीर-गुलाल अर्पित किया। वहीं एक-दूसरे को होली की बधाई दी। मंदिर परिसर बाबा के जयकार से गूंजता रहा। 

मंदिर के महंत सुमित उपाध्याय ने बताया कि रंगभरी एकादशी को देवों की होली कहा जाता है। इसलिए सभी देव दरबार में रंगों की होली का दौर चल रहा है। बाबा विश्वनाथ व काल भैरव दरबार में भक्त बाबा के दर्शन कर अबीर-गुलाल अर्पित कर रहे हैं। उन्होंने काशीवासियों को त्योहार की शुभकामनाएं दी। 

उन्होंने कहा कि रंगभरी एकादशी पर भगवान इंद्र भी प्रसन्न हैं। कहीं बारिश हो रही तो कहीं ओले गिर रहे हैं। भक्त भगवान के साथ होली खेल रहे हैं। पूरी काशी इस समय भक्ति के रंग में रंगी हुई है। पण्डित अनिल दुबे ने भी रंगभरी एकादशी के महात्म्य के बारे में विस्तार से बताया।