International Yoga Day: योग की साधना में लीन हुई समूची काशी, IIT-BHU, गंगा मित्रों, हिंदू युवा वाहिनी, गायत्री परिवार, डाक विभाग व NDRF कर्मियों ने भी किया योग, देखें तस्वीरें

 

वाराणसी। IIT (BHU) वाराणसी ने 21 जून, 2024 को "स्वयं और समाज के लिए योग" थीम के साथ 10वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया। सात दिवसीय योग कार्यक्रम इस दिन संपन्न हुआ, जो व्यक्तिगत स्वास्थ्य और सामाजिक सद्भाव दोनों को बढ़ावा देने की इस अभ्यास की क्षमता को रेखांकित करता है। इस कार्यक्रम में 500 से अधिक लोगों ने भाग लिया, जिसमें काशी के छात्र, कर्मचारी, संकाय सदस्य और स्थानीय लोग शामिल थे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि IIT (BHU) वाराणसी के निदेशक प्रो. अमित पात्रा ने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों पर योग के लाभों पर जोर दिया। 

बीएचयू में गंगामित्रों ने किया योग

21 जून अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर महामना मालवीय गंगा शोध केन्द्र, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी कैम्पस में गंगामित्रों ने भव्य तरीके से योग किया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महामना मालवीय गंगा शोध केन्द्र के चेयरमैन एवं प्रख्यात पर्यावरण वैज्ञानिक प्रो. बी.डी. त्रिपाठी थे। योग दिवस के प्रोटोकाॅल के अन्तर्गत योगा एक्सपर्ट निधि तिवारी ने सभी गंगामित्रों को योगा का अभ्यास कराया। जिसमें उन्होंने  सभी प्रकार के आसनों के साथ अनुलोम विलोम, प्राणायाम, ध्यान आदि का अभ्यास कराया, जिससे प्रतिभागियों को शारीरिक और मानसिक शांति का अनुभव हुआ।

गायत्री परिवार ने भी किया योग

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर पर गायत्री तीर्थ शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वावधान एवम् गायत्री परिवार रचनात्मक ट्रस्ट वाराणसी के संयोजन में विविध स्थानों पर योग प्रशिक्षण कार्यक्रम कर हजारों लोगों को योग के द्वारा निरोग जीवन के सूत्र बताया। राजघाट गंगा तट पर गायत्री परिवार की योगाचार्य पुष्पा रानी एवम् सेवन डेज फाउंडेशन के योगाचार्य उपेन्द्र सिंह ने योग का प्रशिक्षण दिया। इसी कड़ी में गायत्री परिवार के मीडिया प्रभारी एवम् कार्यक्रम संयोजक रमन कुमार श्रीवास्तव ने योग द्वारा सर्वाइकल के सफल निदान का प्रशिक्षण दिया। राजघाट गंगा तट पर अदाणी फाउंडेशन स्वास्थ्य विभाग के कार्यकर्ताओं को योगाचार्या पुष्पा रानी ने योग प्रशिक्षण के साथ स्वच्छता एवम् जल संरक्षण के महत्व को बताया। योग प्रशिक्षण में महेश मौर्या एवम् कुमारी नैन्सी गुप्ता ने सक्रिय योगदान दिया।

 

डाक विभाग के कर्मचारियों ने भी किया योग

10वां 'अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस' समारोह डाक विभाग द्वारा विभिन्न मंडलों और डाकघरों में उत्साहपूर्वक मनाया गया। वाराणसी कैण्ट प्रधान डाकघर परिसर में पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव के नेतृत्व में डाक अधिकारियों और कर्मियों ने योगाभ्यास किया। इस अवसर पर उन्होंने योग को अपनाकर स्वस्थ भारत के निर्माण में सहभागी बनने और डाक विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को नियमित योगाभ्यास कर इसे अपनी नियमित जीवन शैली में जोड़ने पर जोर दिया। योग प्रशिक्षक डॉ. एस.आर. सिंह ने इस अवसर पर योगा प्रोटोकाल के तहत विभिन्न आसनों की महत्ता बताते हुए योगाभ्यास कराया।

हिंदू युवा वाहिनी ने मनाया योग दिवस

हिन्दू युवा वाहिनी महानगर वाराणसी के ओर से योग दिवस पर शुक्रवार को केंद्रीय कार्यालय गोरक्षनाथ मंदिर, मैदागिन के प्रांगण में ख्यातिप्राप्त योगाचार्य के सानिध्य में वृहद योग शिविर का आयोजन किया गया। इस दौरान योग विद्या पर एक गोष्ठी का भी आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि गोरक्षनाथ मंदिर के महंत रामनाथ महाराज और विशिष्ट अतिथि वाराणसी मण्डल प्रभारी अम्बरीश सिंह 'भोला' ने दीप प्रज्वलन करके किया। अम्बरीश सिंह 'भोला' ने योग की महत्ता को बताते हुए कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ की बदौलत योग का पूरी दुनिया में प्रचार प्रसार हुआ है। योग के माध्यम से जटिल से जटिल व्याधियों का भी निराकरण आसानी से किया जा सकता है। 

NDRF कर्मियों ने भी किया योग

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2024 के अवसर पर, 11 एनडीआरएफ वाराणसी के बचावकर्मियों द्वारा "स्वयं और समाज के लिए योग" थीम के अंतर्गत अपने कैंपस और सभी आरआरसी में योग कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में उप महानिरीक्षक मनोज कुमार शर्मा के निर्देशन में सभी अधिकारी, अधीनस्थ अधिकारी और बचावकर्मियों ने भाग लिया और प्रशिक्षित योग प्रशिक्षकों के मार्गदर्शन में विभिन्न योग, प्राणायाम और आसनों का अभ्यास किया। श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर और नमो घाट, वाराणसी में भी एक योग कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें श्री प्रेम कुमार पासवान, उप कमांडेंट के नेतृत्व में बचावकर्मियों की टीम ने भाग लिया। आरआरसी लखनऊ, गोरखपुर और भोपाल की टीमें भी अपने-अपने स्थानों पर आयोजित योग कार्यक्रमों में उत्साहपूर्वक भागीदारी की और सभी को स्वस्थ जीवन के प्रति जागरूक किया। इनमें समाज के स्थानीय लोग भी शामिल हुए।