काशी में देव दीपावली अपने अंतिम चरण में, अभेद्य सुरक्षा के बीच 70 वॉच टावरों से होगी घाटों की निगरानी

 
वाराणसी। बाबा विश्वनाथ के शहर बनारस में भव्य देव दीपावली की तैयारी जारी है। काशी में इस महामहोत्सव को लेकर होटल से लेकर नाव तक की बुकिंग लगभग फुल हो गई है। आम दिनों की अपेक्षा कई गुना रेट पर इन चीजों की बुकिंग हो रही है. बात यदि वाराणसी में देव दिवाली पर लग्जरी क्रूज की करें तो उसके लिए भी लगभग 12 गुना ज्यादा किराया देना होगा, लेकिन फिर भी बुकिंग लगभग फुल है।वाराणसी के अर्धचंद्राकार घाटों पर इस बार 21 लाख दीप जलाए जाएंगे। इसके अलावा विभिन्न आयोजन इस कार्यक्रम में चार चांद लगाएंगे। इस बार अयोध्या के बाद काशी की दिवाली बेहद ही आकर्षक और भव्य होने वाली है। काशी की सुंदरता में चारचांद लगाने के लिए सभी 84 घाटों को दुल्हन की तरह सजाया रहा है। देव दीपावली के दिन घाट अपनी अद्भुत छटा बिखेरेंगे। वाराणसी की देव दीपावली पूरी दुनिया में मशहूर है. किसी दौर में यहां लाइटें तक नहीं थी, अब घाट जगमगा रहे हैं।
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इसके साथ ही काशी के घाटों के किनारे सदियों से खड़ी ऐतिहासिक इमारतों पर धर्म की कहानी जीवंत होती दिखेगी। प्रशासन की ओर से गंगा पार दीपोत्सव के लिए 20 सेक्टर बनाए गए हैं। पर्यटन विभाग के उप निदेशक राजेंद्र कुमार रावत ने बताया कि, विश्वनाथ कॉरिडोर और काशी के चेत सिंह घाट पर साउंड एंड लाइट शो विद प्रोजेक्शन होलोग्राफिक शो आयोजित होगा। पर्यटकों को संगीत की ध्वनि के साथ लेज़र और लाइट्स का अनूठा तालमेल देखने को मिलेगा।देव दीपावली के अवसर पर पर्यटक पौराणिक काशी को शिव से जोड़ने वाली कथा का रसपान करेंगे। लगभग 15 से 20 मिनट का यह शो चेत सिंह घाट पर कई बार दिखाया जाएगा। इससे देव दीपावली पर आने वाले सभी श्रद्धालु शो देख सकें। देव दीपावली के अवसर पर योगी सरकार बनारस के अर्धचंद्राकर घाटों के दोनों तटों दीयों से रोशन करेगी। इस साल काशी में 21 लाख दीप जलाने की तैयारी है। इनमें एक लाख दीये गाय के गोबर से बने होंगे।
बनारस में देव दीपावली का त्योहार बड़ी दिवाली के 15 दिन बाद मनाया जाता है। इस दिन देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना करने के बाद नदी में स्नान करके दीपदान किया जाता है। माना जाता है कि ऐसा करने से सभी देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसको लेकर काशी में सुरक्षा-व्यवस्था का पूरा खाका तैयार किया गया है। उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक राजधानी काशी (बनारस) में देव दीपावली को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई है। उम्मीद है कि 10 लाख की संख्या में पर्यटक आएंगे। इसको देखते हुए काशी को अभेद्य किला बनाने की कवायद अभी से शुरू कर दी गई है। काशी के 84 घाटों को 9 जोन, 11 सेक्टर और 32 सब सेक्टर में बांटकर सुरक्षा-व्यवस्था का पूरा खाका तैयार कर लिया गया है
डीसीपी आरएस गौतम ने बताया कि देव-दीपावली के दौरान सात घाटों पर सबसे ज्यादा भीड़ उमड़ने की संभावना है। इनमें अस्सी घाट, दशाश्वमेध घाट, अहिल्याबाई घाट, राजघाट, चेतसिंह घाट, नमो घाट और पंचगंगा घाट शामिल हैं। घाटों की सुरक्षा के लिए पहले से ही पूरा प्लान तैयार किया गया है। साथ ही घाटों से लगने वाली संकरी गलियों में भी बड़े स्तरों पर फोर्स का डिप्लॉयमेंट किया जाएगा। इसके अलावा अत्यधिक भीड़ वाले घाटों पर क्विक रिस्पॉन्स टीम (क्यूआरटी) की 20 टीमें तैनात रहेंगी। साथ ही 11 विशेष टीमें लाउड हेलर के साथ घाटों पर पेट्रोलिंग के लगाई जाएंगी। इतना ही नहीं काशी के 17 प्रमुख घाटों पर एंटी रोमिया स्क्वॉड की टीमें भी होंगी। साथ ही साथ हर घाट पर महिला पुलिसकर्मियों की टीम मौजूद रहेगी। इसके अलावा 16 गोताखोरों का दस्ता उपलब्ध रहेंगे।