वाराणसी में भारत-बांग्लादेश क्रिकेट मैच रद्द करने की उठी मांग, हिंदू संगठन ने पीएमओ पर सौंपा ज्ञापन, अब तक हो चुकी है 230 हिन्दुओं की मौत
वाराणसी। बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर अत्याचार जारी है। इसी बीच वाराणसी में भारत और बांग्लादेश के बीच आयोजित होने वाले क्रिकेट मैच को रद्द करने की मांग उठी है। हिंदू राष्ट्र समन्वय समिति ने पीएमओ में इसके लिए ज्ञापन भी सौंपा है। हिंदू संगठन ने ज्ञापन में मांग किया है कि बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों के खिलाफ भारतीय क्रिकेट मैच और बांग्लादेशी कलाकारों के कार्यक्रम रद्द किए जाएं।
वाराणसी व्यापार मंडल के अध्यक्ष अजीत सिंह बग्गा, महामंत्री कविंद्र जायसवाल, महिला व्यापार मंडल की अध्यक्ष प्रिया अग्रवाल, हिंदुत्वनिष्ठ डॉ. सोहनलाल आर्य, ज्ञानवापी के विषय में हिंदू पक्ष के अधिवक्ता सुभाष नंदन चतुर्वेदी, राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं न्याय परिषद के महासचिव अधिवक्ता अरुण कुमार मौर्य, खड़िया पड़िया व्यापार मंडल के अध्यक्ष भगवानदास जायसवाल, अधिवक्ता संजीवन यादव, बाल गोपाल साहू, संस्कृति रक्षा मंच के रवि श्रीवास्तव, विशाल मोदनवाल, प्रमोद कुमार मौर्य और हिंदू जनजागृति समिति के प्रतिनिधियों ने पीएमओ जाकर क्रिकेट मैच रद्द करने के लिए ज्ञापन सौंपा। निवेदन की प्रतिलिपि केंद्रीय खेल मंत्री, विदेश मंत्री और भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (BCCI) को अपर जिला मजिस्ट्रेट आलोक वर्मा के माध्यम से भी सौंपी गई।
हिंदू संगठन ने मांग किया है कि भारत और बांग्लादेश के बीच दो टेस्ट क्रिकेट मैच और तीन टी20 मैच 19 सितंबर से 12 अक्टूबर 2024 तक भारत में आयोजित किए जाएंगे। ये मैच चेन्नई, कानपुर, ग्वालियर, दिल्ली और हैदराबाद में होंगे। वहीं, बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर लगातार हमले हो रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, अब तक 230 लोगों की मौत हो चुकी है और बांग्लादेश के 64 में से 52 जिलों में हिंदू विरोधी हिंसा की घटनाएं सामने आई हैं। शेख हसीना सरकार के इस्तीफे के बाद हिंदुओं पर हमलों में वृद्धि हुई है। खासकर ग्रामीण इलाकों में, जहां हिंदू समुदाय असुरक्षित महसूस कर रहा है। हाल ही में एक हिंदू नवयुवक पर ईशनिंदा के आरोप में जिहादी भीड़ ने थाने में घुसकर उसकी आंखें निकालकर कुचल दीं।
समिति ने तर्क किया है कि जैसे अन्य मुस्लिम देशों में मुस्लिम समुदाय पर हमलों का विरोध किया जाता है, वैसे ही भारत को भी बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ कठोर रुख अपनाना चाहिए। समिति ने सवाल उठाया है कि क्या बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे इन भयानक अत्याचारों के बावजूद भारतीय टीम को बांग्लादेश के साथ क्रिकेट मैच खेलना चाहिए। उनका कहना है कि इसे कभी स्वीकार नहीं किया जा सकता।