राहुल गांधी के खिलाफ निगरानी अर्जी पर सुनवाई टली, अब इस तारीख को होगी सुनवाई
क्या है मामला?
तिलमापुर के पूर्व प्रधान नागेश्वर मिश्र ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के खिलाफ अमेरिका में दिए गए कथित भड़काऊ बयान को लेकर अर्जी दाखिल की थी। यह अर्जी पहले निचली अदालत में खारिज हो चुकी थी। अब वादी ने अपने अधिवक्ता अलख नारायण राय के माध्यम से जिला जज की अदालत में निगरानी अर्जी दाखिल की है।
क्या कहा गया निगरानी अर्जी में?
वादी ने अर्जी में कहा कि निचली अदालत ने बिना पर्याप्त विचार-विमर्श के सरसरी तौर पर अर्जी खारिज कर दी, जबकि विधि सम्मत रूप से इसमें दस्तावेजी साक्ष्य मौजूद थे। वादी का आरोप है कि राहुल गांधी ने अपने अमेरिका दौरे के दौरान सिखों की सुरक्षा और अधिकारों को लेकर एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत में सिखों के बीच असुरक्षा का माहौल है। उन्हें पगड़ी और कड़ा पहनने का अधिकार नहीं है और न ही गुरुद्वारों में जाने की अनुमति है।
खालिस्तानी आतंकियों ने किया समर्थन
अर्जी में यह भी कहा गया कि राहुल गांधी के इस बयान का समर्थन खालिस्तानी आतंकी गुरुपतवंत सिंह पन्नू ने किया है। वादी ने आरोप लगाया कि इस बयान से आतंकवाद को बढ़ावा मिलेगा और देश में गृहयुद्ध भड़काने की साजिश लगती है।
अर्जी में क्या मांग की गई?
वादी ने अदालत से निगरानी अर्जी स्वीकार करने की गुहार लगाई और कहा कि राहुल गांधी के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं, लेकिन निचली अदालत ने उन्हें अनदेखा कर दिया। अब जिला जज की अदालत में इस मामले की अगली सुनवाई 17 मार्च को होगी।