Gyanvapi: पूजा-पाठ और अधिकार से जुड़े केस में आज होगी सुनवाई, मूलवाद में पक्षकार बनाए जाने की मांग
याचिका की स्वीकृति के बाद कोर्ट ने सुनवाई शुरू की है और पुत्रियों को आपत्ति दाखिल करने के लिए 5 दिन का समय दिया था। जिसकी प्रति कोर्ट में पेश की जाएगी, जिसके बाद मामले की आज दोपहर बाद सुनवाई होगी।
सिविल जज सीनियर डिविजन प्रशांत कुमार (फास्ट ट्रैक कोर्ट) की अदालत में ज्ञानवापी से जुड़े वर्ष 1991 के लार्ड विश्वेश्वरनाथ के वाद की सुनवाई चल रही है। वादी रहे स्व. हरिहर पांडेय की तीनों पुत्रियों की ओर से पक्षकार बनने के संबंध में आपत्ति दाखिल की गई थी। कोर्ट ने उसके प्रार्थनापत्र को स्वीकारते हुए आपत्ति के लिए 16 जुलाई का समय निर्धारित किया है।
अदालत ने दोनों पक्षों को पूरा अवसर देने की बात कहकर हर याचिका पर गंभीरतापूर्वक विचार किया। लॉर्ड विश्वेश्वर के वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी की तरफ से शपथ पत्र के साथ आवेदन देकर आपत्ति दाखिल की गई है। इस मामले में नए पक्षकार के शामिल करने या फिर न करने को लेकर तथ्य रखा। हालांकि आपत्ति दाखिल होने के बाद ही कोर्ट ने पक्षकार बनने के लिए न्यायालय का निर्णय देगा।
बता दें कि ज्ञानवापी से जुड़े वर्ष 1991 के प्राचीन मूर्ति स्वयंभू लॉर्ड विश्वेश्वरनाथ वाद में सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रशांत सिंह की अदालत में सुनवाई लगभग अंतिम चरण में है। दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी दलीलें पेश कर दी हैं लेकिन अब पक्षकार बनने के आवेदनों ने केस के परिणाम में रोड़ा लगा दिया है।