वाराणसी : गुरु गोविंद सिंह के 358वें प्रकाशोत्सव पर निकली भव्य शोभायात्रा, शस्त्र कला का प्रदर्शन कर किया निहाल 

सिख धर्म के दसवें गुरु, खालसा पंथ के संस्थापक और धर्मरक्षक श्री गुरु गोविंद सिंह जी महाराज के 358वें प्रकाशोत्सव के उपलक्ष्य में 29 दिसंबर को वाराणसी में एक विशाल शोभायात्रा-नगर कीर्तन निकाला गया। यह यात्रा गुरुद्वारा बड़ीसंगत, नीचीबाग से आरंभ होकर शाम 7:00 बजे वहीं संपन्न हुई। इस दौरान गतका पार्टी ने विभिन्न स्थानों पर शस्त्र कला का प्रदर्शन कर संगत को निहाल किया। 
 

वाराणसी। सिख धर्म के दसवें गुरु, खालसा पंथ के संस्थापक और धर्मरक्षक श्री गुरु गोविंद सिंह जी महाराज के 358वें प्रकाशोत्सव के उपलक्ष्य में रविवार को वाराणसी में एक विशाल शोभायात्रा-नगर कीर्तन निकाला गया। यह यात्रा गुरुद्वारा बड़ीसंगत, नीचीबाग से आरंभ होकर शाम 7:00 बजे वहीं संपन्न हुई। इस दौरान गतका पार्टी ने विभिन्न स्थानों पर शस्त्र कला का प्रदर्शन कर संगत को निहाल किया। 

नगर कीर्तन का भव्य आयोजन
शोभायात्रा की शुरुआत जुगो-जुग अटल श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की अगुवाई में दोपहर 12:30 बजे हुई। यह यात्रा शहर के प्रमुख मार्गों जैसे चौक, गोदौलिया, गिरजाघर चौराहा, नईसड़क, लहुराबीर, कबीरचौरा, और मैदागिन से होते हुए अपने समापन स्थल गुरुद्वारा बड़ीसंगत पहुंची। श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की सवारी फूलों और बिजली के झालरों से भव्य तरीके से सजाई गई थी। शोभायात्रा में पंच प्यारे, कुछ घोड़ों पर और कुछ पैदल, धार्मिक गरिमा के साथ शामिल हुए। महिलाएं और पुरुष गुरुवाणी का शबद कीर्तन गाते हुए शोभायात्रा की शोभा बढ़ा रहे थे।

विशेष आकर्षण और शस्त्र कला प्रदर्शन
जयपुर से आए भाई जितेंद्र सिंह की गतका पार्टी ने विभिन्न स्थानों पर शस्त्र कला का प्रदर्शन कर संगत को निहाल किया। चंडीगढ़ से आए पंजाब पाइप बैंड और स्थानीय बैंड ने भक्ति धुनें बजाईं, जिनमें “देहि शिवा वर मोहे इहे शुभ करमन ते कबहूं न टरों” की धुन प्रमुख रही। गुरु नानक इंग्लिश मीडियम स्कूल, गुरु नानक खालसा बालिका इंटर कॉलेज, और शिवपुर के विद्यार्थियों ने विशेष परिधान पहनकर शबद गायन और स्वच्छता का संदेश देते हुए सहभागिता की। बच्चे "स्वच्छ काशी, सुंदर काशी" का बैनर लेकर यात्रा के मार्ग को झाड़ू लगाकर साफ कर रहे थे। शोभायात्रा के मार्ग पर काशीवासियों ने पुष्प वर्षा कर श्रद्धा व्यक्त की। जगह-जगह संगत के लिए अल्पाहार और स्वागत की व्यवस्था की गई।

लंगर का हुआ आयोजन 
शाम को गुरुद्वारा नीचीबाग पहुंचने पर श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की आरती और अरदास की गई। शोभायात्रा में शामिल श्रद्धालुओं को धन्यवाद ज्ञापित किया गया। कार्यक्रम का समापन गुरु का अटूट लंगर के साथ हुआ।