काशी में कूड़ा घर बन जाएंगे लाइब्रेरी, नगर निगम की पहल से गरीब बच्चों का होगा भला
वाराणसी। शहर में बंद किए जा रहे पुराने कूड़ा घर अब लाइब्रेरी में बदल जाएंगे। नगर निगम ने इन्हें लाइब्रेरी के रूप में विकसित करने का प्लान बनाया है। निगम प्रशासन की पहल से मलिन बस्तियों में रहने वाले गरीब बच्चों का भला होगा। वहीं यह अन्य जिलों के लिए माडल भी बनेगा।
शहर को गंदगी से मुक्ति दिलाने के लिए कूड़ा घरों को बंद करने का सिलसिला शुरू हो गया है। इन्हीं स्थानों पर लाइब्रेरी बनाने की योजना है। मुख्यमंत्री के साथ हुई बैठक में नगर निगम ने प्रस्ताव रखा था। इसके तहत ही प्लान तैयार किया गया है। इसके तहत कूड़ा घर की जगह ओपन लाइब्रेरी और मलिन बस्ती के बच्चों को पढ़ने के लिए उस स्थान को ग्रीन जोन के रूप में विकसित किया जाएगा। इसको लेकर कवायद भी शुरू हो गई है। नगर निगम ने निजी स्कूल व स्वयंसेवी संस्था की मदद से भेलूपुर इलाके में कूड़ा घर की जगह एक खाली पड़ी जगह को री-डेवलप करते हुए नमो वाचनालय के तौर पर विकसित किया है।
नगर निगम के अधिकारियों की मानें तो यह प्लान शासन स्तर पर रखा गया था। इसे प्रदेश के सभी शहरों में लागू किया जाना है। सबसे पहले यह प्लान बनारस में ट्रायल के तौर पर लागू किया जाएगा। एक कूड़ा घर बंद होने के बाद वहां टीन शेड, पंखे और अन्य व्यवस्थाओं के साथ एक लाइब्रेरी स्थापित की गई है। बताया कि लाइब्रेरी में आम लोगों के बैठने के लिए बेंचें लगाई गई हैं।
निजी स्कूल व सस्थाएं कर रही मदद
लाइब्रेरी डेवलप करने में नगर निगम की मदद निजी स्कूल व स्वयंसेवी संस्थाएं भी कर रही हैं। किताबों की व्यवस्था नगर निगम प्रशासन करेगा। संस्थाएं भी किताबें डोनेट कर रही हैं। उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति पुरानी किताबें डोनेट करना चाहता है तो नगर निगम मुख्यालय आकर किताबें दान कर सकता है।
लाइब्रेरी में मिलेंगी ताजा खबरें
नगर निगम प्रशासन ने अखबार व मैगजीन कार्यालयों से भी संपर्क किया है। लाइब्रेरी में रोज का अखबार और मैगजीन भी रखी जाएंगी। ताकि लोगों को ताजा खबरें मिल सकें और उनके भीतर पढ़ने की ललक पैदा हो सके। नगर निगम ने स्वयंसेवी संस्थाओं की मदद से मलिन बस्ती के बच्चों को सप्ताह में कम से कम तीन दिन पढ़ाने की भी योजना बनाई है। उनके अंदर पढ़ाई के प्रति रुचि