वाराणसी में चेतावनी बिंदु के करीब गंगा, 10 सेंटीमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से बढ़ रहा जलस्तर
- जलस्तर में वृद्धि को देखते हुए जिला प्रशासन अलर्ट, एडवाइजरी जारी
- गंगा के जलस्तर में तेजी से हो रही वृद्धि, तटवर्ती इलाके के लोग सशंकित
- वाराणसी में 68 मीटर को पार कर गया जलस्तर, पश्चिमी यूपी में बारिश का असर
वाराणसी। गंगा एक बार फिर उफन पर हैं। पश्चिमी यूपी में बारिश के चलते गंगा के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हो रही है। शनिवार की सुबह 10 सेंटीमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से जलस्तर बढ़ रहा था। केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार जलस्तर 68.34 मीटर पहुंच गया है, जो चेतावनी बिंदु से महज दो मीटर नीचे है। बाढ़ के संभावित खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन अलर्ट हो गया है। वहीं एडवाइजरी जारी कर लोगों को आगाह किया है। वाराणसी में गंगा का चेतावनी बिंदु 70.262 मीटर और खतरे का बिंदु 71.262 मीटर है।
जिला प्रशासन ने जारी की एडवाइजरी
बाढ़ से पूर्व
* ऊंचे स्थानों को पहले से चिन्हित करें।
* जरूरी कागजात जैसे-राशन कार्ड, बैंक पासबुक, मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड इत्यादि का वॉटरप्रुफ बैग में सम्भाल कर रखें।
* आवश्यकतानुसार खाद्य सामग्री जैसे-बिस्किट, लाई, भुना चना, गुड़, चूड़ा, नमक, चीनी, सत्तू इत्यादि एकत्र करें।
• बीमारी से बचाव हेतु क्लोरिन, ओ0आर0एस0 तथा आवश्यक दवाईया प्राथमिक उपचार किट में रखें।
* सूखे अनाज एवं मवेसियों के चारे को किसी ऊँचे स्थान पर सुरक्षित रखें।
• जैरीकैन, छाता, तिरपाल, रस्सी, हवा से भरा ट्यूब, प्राथमिक उपचार किट, मोबाईल व चार्जर, बैटरी चालित रेडियों, टार्च, इमरजेन्सी लाईट, माचिस इत्यादि पहले से तैयार रखें।
• पशुओं में होने वाली बिमारियों के रोकथाम हेतु पशुओं को समय से टीकाकरण करायें।
• जर्जर भवन में न रहें।
बाढ़ के दौरान
* बाढ़ की चेतावनी मिलते ही गर्भवती महिलाओं बच्चों, वृद्धों, दिव्यांगजनों एवं बीमार व्यक्तियों को तुरन्त सुरक्षित स्थान पर पहुचायें।
• घर छोड़ने से पूर्व बिजली का मुख्य स्विच व गैर रेगुलेटर को अनिवार्य रूप से बन्द करें एवं शौचालय सीट को बालू से भरी बोरी से ढकें।
• बाढ़ में डूबे हैंडपम्प के पानी का सेवन न करें।
• उबला हुआ या क्लोरीनयुक्त पानी का उपयोग करें।
• बाढ़ के पानी के सम्पर्क में आयी खाद्य सामग्रियों का सेवन न करें।
• गर्भवती महिलाओं को आशा एवं ए0एन0एम0 की मदद से सुरक्षित प्रसव की व्यवस्था करें।
• बिजली के तार, पोल एवं ट्रान्सफार्मर से दूर रहें।
• डंडे से पानी की गहराई की जांच करें, गहराई पता न होने पर उसे पार करने का प्रयास न करें।
• विशैले जानवरों जैसे-सांप, बिच्छू आदि से सतर्क रहें।
• सांप काटने पर पीड़ित व्यक्ति को तुरन्त नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र ले जाएं।
बाढ़ के बाद
* बाढ़ से क्षतिग्रस्त घरों एवं संरचनाओं में प्रवेष न करें।
• क्षतिग्रस्त बिजली के उपकरणों का प्रयोग न करें।
• क्षतिग्रस्त पुल या पुलिया को वाहन द्वारा पार करने का प्रयास न करें।
• स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा सुरक्षित घोषित करने पर ही बाढ़ में डूबे हैंडपम्प के पानी का उपयोग करें।
• महामारी की रोकथाम के लिए बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों एवं घरों के आसपास ब्लीचिंग पॉउडर का छिड़काव करें।
• संक्रामक बीमारियों से बचाव हेतु मरे हुए पषुओं एवं मलबों को एक जगह एकत्र कर जमीन में दबाए।
• सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें।
इन नंबरों पर करें संपर्क
बाढ़ से निपटने हेतु जिला प्रशासन पूर्ण रूप से तैयार है, बाढ़ सम्बन्धी किसी भी प्रकार समस्या, सहायात या जानकारी प्राप्त करने के लिए इन नंबरों पर सम्पर्क किया जा सकता है।
0542-2508550
0542-2504170
91400371374