5 दिनों में दो मीटर बढ़ा गंगा का पानी, बनारस में 8 सेमी प्रति घंटे की रफ़्तार से बढ़ रहा वाटर लेवल, निचले इलाकों में अलर्ट जारी

 
वाराणसी। पहाड़ी व मैदानी क्षेत्रों में लगातार बारिश के बाद गंगा के जलस्तर में लगातार बढ़ाव जारी है। केंद्रीय जल आयोग इस पर अपनी नजर बनाए हुए है। आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, बनारस में रविवार की सुबह 8 बजे तक गंगा 10 सेमी और उसके बाद 8 सेमी प्रति घंटा के रफ़्तार से बढ़ रही थी। 

गंगा का जलस्तर पहर 12 बजे 60.1 मीटर था। जो कि खतरे के निशान से 10 मीटर नीचे है। वाराणसी में गंगा का वार्निंग लेवल 70.262 है। जिसे देखते हुए वाराणसी में तटवर्ती क्षेत्रों में अलर्ट जारी कर दिया गया है।

केंद्रीय जल आयोग के जेई जितेंद्र कुमार के मुताबिक, लगातार पूरे उत्तर प्रदेश में हो रही बारिश से नदियों के जलस्तर में बढ़ोत्तरी हुई है। वाराणसी में गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ा है। 10 जुलाई से 14 जुलाई दोपहर 12 बजे तक गंगा का जलस्तर 2 मीटर से अधिक बढ़ा है। 10 जुलाई की सुबह 8 बजे 58.53 मीटर, 11 जुलाई को 58.62 मीटर, 12 जुलाई को 58.69 मीटर, 13 जुलाई को 58.87 मीटर और 14 जुलाई रविवार की सुबह 8 बजे 60.1 मीटर नापा गया है।

24 घंटे में 12 सेमी बढ़ा गंगा का पानी

केंद्रीय जल आयोग के आंकड़े के अनुसार वाराणसी में 13 जुलाई सुबह 8 बजे गंगा का जलस्तर 58.876 मीटर था। इस जलस्तर में 24 घंटे में 1 मीटर 12 सेंटीमीटर की बढ़ोत्तरी हुई है। रविवार की सुबह 8 बजे गंगा का जलस्तर 10 सेंटीमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से 60.1 मीटर और दोपहर 12 बजे 8 सेंटीमीटर प्रतिघंटा की बढोतरी की रफ्तार से 60.44 मीटर था।

1978 में आई थी जबरदस्त बाढ़

वाराणसी में गंगा का वार्निंग लेवल 70.262 मीटर और डेंजर लेवल 71.262 मीटर है। केंद्रीय जल आयोग के आंकड़ों के अनुसार साल 1978 में काशी में सबसे भयानक बाढ़ आयी थी। तब पानी का लेवल 9 सितंबर को 73.901 मीटर तक पहुंचा था। उस समय गोदौलिया से लक्सा तक नाव चल रही थी।