फ्रेंच नागरिक माइकल हुआ पंचतत्व में हुआ विलीन, फ्रांस जाएगी अस्थियां
Updated: Nov 12, 2023, 16:16 IST
वाराणसी। मोक्ष की काशी में मोक्ष की कमाना को लेकर पहुंचे फ्रांस नागरिक की मृत्यु के पश्चात हरिश्चंद्र घाट पर काशी के समाजसेवी अमन कबीर ने मुखाग्नि दी। समाजसेवी अमन ने हिंदू रीति रिवाज से अपने बाल भी मुंडवाए, मारकीन पहनकर गंगा स्नान किया। इसके साथ ही घाट तक लोगो ने कंधा भी दिया। माइकल का पार्थिव शव पंचतत्व में विलीन हो गया है। वही अस्थियां फ्रांस भेजा जाएगा, जहां उनके माइकल के परिजन रहते हैं। वही समाजसेवी अमन कबीर अगले साल पितृपक्ष पर पिंडदान भी करेंगे।
माइकल के अंत्योष्ठी को लेकर अमन ने बताया कि काशी में मोक्ष की चाह लिए माइकल बनारस आए थे। वह स्टमक कैंसर के लास्ट स्टेज में थे। उन्होंने जीवन का अंत हिंदू धर्म शास्त्रों का अध्ययन किया। मोक्ष की चाह को लेकर वह 7300 किलोमीटर दूर फ्रांस के पेरिस से काशी आए माइकल की मौत 4 दिन पहले अपना घर आश्रम में हो गई थी। वही 2 दिन तक माइकल की बॉडी BHU ट्रॉमा सेंटर की मर्चरी में ही रखी गई थी। बता दें कि 11 नवंबर को शाम तक शिवपुर में पोस्टमार्टम की प्रक्रिया चली। इसके बाद वाराणसी के युवा समाज सेवी अमन कबीर अपने एंबुलेंस से लेकर हरिश्चंद्र घाट आए। अंतिम यात्रा के तौर पर कंधा दिया और फिर मुखाग्नि दिया।
अमन ने कहा कि उनकी जिंदगी में यह अनोखा केस है। मंडलीय अस्पताल में बेसहारा पड़े माइकल को देख कुछ अलग सी फीलिंग आई। जब बातचीत की तो पता चला कि वो मोक्ष के लिए वाराणसी आए हैं। लेकिन 10 दिन से अस्पताल के एक बेड पर पड़े हैं। इससे पहले वो 10 दिन एक गेस्ट हाउस में रहे क्योंकि विदेशी होने के चलते उन्हें किसी मुमुक्ष भवन में जगह नहीं मिली। अमन ने कहा कि अस्पताल में देखरेख से लेकर माइकल का पूरा ध्यान रखा गया। उनके जीवन के अंतिम 8 दिन काफी शांति से गुजरे। दरअसल, प्रशासन से गुहार लगाने के बाद माइकल को अपना घर आश्रम में रहने को मिल गया, लेकिन यहां पर 8वें दिन उन्होंने दम तोड़ दिया।