बीएचयू में शुरू होंगी चार नई स्कालरशिप, केमेस्ट्री व लॉ स्टूडेंट्स को मिलेगा लाभ 

बीएचयू में अगले शैक्षणिक सत्र से चार नई स्कालरशिप शुरू होगी। केमेस्ट्री व लॉ के दो-दो स्टूडेंट्स को इसका लाभ मिलेगा। विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से इसकी घोषणा की गई है। बीएचयू में वर्ष 1951 के पुरा छात्र मदन मोहन कायस्थ तथा उनकी पत्नी ने 20 लाख रुपये का दान दिया था। इसी राशि से मेधावियों को छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी। 
 

वाराणसी। बीएचयू में अगले शैक्षणिक सत्र से चार नई स्कालरशिप शुरू होगी। केमेस्ट्री व लॉ के दो-दो स्टूडेंट्स को इसका लाभ मिलेगा। विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से इसकी घोषणा की गई है। बीएचयू में वर्ष 1951 के पुरा छात्र मदन मोहन कायस्थ तथा उनकी पत्नी ने 20 लाख रुपये का दान दिया था। इसी राशि से मेधावियों को छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी। 

 
बीएचयू से वर्ष 1951 में इंडस्ट्रियल केमिस्ट्री में एमटेक की डिग्री हासिल करने वाले मदन मोहन कायस्थ और उनकी पत्नी संतोष कायस्थ ने अपने माता-पिता की स्मृति में इन छात्रवृत्तियों को आरंभ करने हेतु विश्वविद्यालय को आर्थिक सहयोग प्रदान किया है। उनके माता पिता की याद में स्थापित की जा रही “सीता राम एंड अजुधिया देवी छात्रवृत्ति” रसायन शास्त्र में बीएससी ऑनर्स की प्रथम वर्ष की एक छात्रा तथा एमएससी-केमिस्ट्री प्रथम वर्ष के एक विद्यार्थी को दी जाएगी। 

वहीं संतोष कायस्थ (महाजन) के माता पिता की स्मृति में आरंभ हो रही “भगवती एवं मुल्क राज महाजन छात्रवृत्ति” बीए (एलएलबी) ऑनर्स में प्रथम वर्ष की एक छात्रा तथा एलएलएम द्वितीय वर्ष के एक विद्यार्थी को मिलेगी। यह छात्रवृत्तियां शैक्षणिक वर्ष 2024-25 से मेरिट एवं आर्थिक स्थिति के आधार पर प्रदान की जाएंगी। दानकर्ताओं से संवाद करते हुए कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने उनके सहयोग के लिए आभार जताया। प्रो. जैन ने कहा कि बीएचयू के प्रति विश्वविद्यालय के पुराछात्रों का लगाव व प्रतिबद्धता अतुलनीय है। 

इस अवसर पर विज्ञान संकाय के प्रमुख प्रो. एसएम सिंह ने कहा कि इन छात्रवृत्तियों से विद्यार्थियों के मध्य प्रतियोगितात्मकता तथा उत्कृष्टता की ओर अग्रसर होने का भाव बढ़ेगा। रसायन शास्त्र विभाग के अध्यक्ष प्रो. मायाशंकर सिंह ने कहा कि उनका विभाग विश्वविद्यालय में सबसे बड़े विभागों में से है। उन्होंने दानदाताओं के योगदान की सराहना की। 

विधि संकाय के प्रमुख प्रो. सीपी उपाध्याय ने बताया कि उनके संकाय ने हाल ही में 100 वर्ष की स्वर्णिम यात्रा पूर्ण किया है। ऐसे में स्वर्ण जयंती समारोह वर्ष में दो नई छात्रवृत्तियों का आरंभ होना विभाग के लिए अत्यंत विशिष्ट व प्रसन्नता का अवसर तो है ही, दूसरों के लिए प्रेरणाप्रद भी है। 

मदन मोहन कायस्थ ने छात्रवृत्तियां आरंभ करने का अवसर प्रदान करने के लिए काशी हिन्दू विश्वविद्यालय का आभार जताते हुए कहा कि यह उनके व उनके परिवार के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण अवसर है। उन्होंने विश्वास जताया कि यह छात्रवृत्तियां शिक्षा अर्जन के विद्यार्थियों के लक्ष्य में सहयोग करेगी। 

इस अवसर पर संयुक्त कुलसचिव मनोज कुमार पांडेय ने इस योगदान के लिए कायस्थ दंपती के योगदान को उल्लेखनीय बताया। कहा कि शिक्षा एवं उत्कृष्टता हासिल करने हेतु प्रयासरत विद्यार्थियों के लिए ये छात्रवृत्तियां उम्मीद की किरण साबित होंगी।