भारतीय संस्कृति के रंग में रंगे विदेशी युगल, काशी में वैदिक रीति से रचाया विवाह, बचपन से ही भारतीय परंपराओं के प्रति रहा आकर्षण

भारतीय संस्कृति और सनातन परंपराओं की आध्यात्मिक गहराई का आकर्षण आज वैश्विक स्तर पर लोगों को अपनी ओर खींच रहा है। अमेरिका के लॉस एंजल्स निवासी जेसन मात्जनर और लारेन कोजाक ने काशी पहुंचकर वैदिक रीति-रिवाज से विवाह रचाकर एक अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच दोनों ने अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे लिए और एक-दूसरे का साथ निभाने का वचन लिया। 
 

रिपोर्ट- ओमकार नाथ
 

वाराणसी। भारतीय संस्कृति और सनातन परंपराओं की आध्यात्मिक गहराई का आकर्षण आज वैश्विक स्तर पर लोगों को अपनी ओर खींच रहा है। अमेरिका के लॉस एंजल्स निवासी जेसन मात्जनर और लारेन कोजाक ने काशी पहुंचकर वैदिक रीति-रिवाज से विवाह रचाकर एक अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच दोनों ने अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे लिए और एक-दूसरे का साथ निभाने का वचन लिया। 

विदेशी युगल ने रविवार को काशी के प्राचीन एवं पौराणिक गौरी केदारेश्वर मंदिर में वैदिक मंत्रोच्चार और पारंपरिक रीति-रिवाजों के बीच विवाह किया। मंदिर परिसर में वरमाला, सप्तपदी, अग्नि के समक्ष संकल्प और पाणिग्रहण संस्कार सहित सभी धार्मिक अनुष्ठान पूरे विधि-विधान से कराए गए। विवाह संस्कार का संपादन मंदिर के पुजारी पंडित अनुराग मिश्र द्वारा कराया गया।

विवाह के पश्चात जेसन मात्जनर ने बताया कि उनका भारत से जुड़ाव बचपन से ही रहा है। वे अपने माता-पिता के साथ पहली बार भारत आए थे, तभी से भारतीय दर्शन, सनातन परंपराओं और आध्यात्म के प्रति उनका रुझान बढ़ता गया। जेसन चौथी बार भारत और दूसरी बार काशी आए हैं। उन्होंने काशी में हुए सकारात्मक बदलाव और विकास की सराहना करते हुए इसे अद्भुत अनुभव बताया।

वहीं पहली बार भारत आईं लारेन कोजाक ने भारतीय समाज के सौहार्द, अपनत्व और धार्मिक वातावरण की मुक्तकंठ से प्रशंसा की। वरमाला के दौरान दोनों की आंखों में भारतीय परंपराओं के प्रति सम्मान और भावनात्मक जुड़ाव स्पष्ट झलक रहा था। जेसन पेशे से एक गिटारिस्ट हैं, जबकि लारेन मार्केटिंग एक्सपर्ट के रूप में कार्यरत हैं। दोनों ही सनातन धर्म में गहरी आस्था रखते हैं। जेसन भगवान गणेश के भक्त हैं, जबकि लारेन भगवान शिव को अपना आराध्य मानती हैं। लारेन ने भगवान शिव के नटराज स्वरूप का टैटू भी अपने हाथ पर बनवाया है, जो उनके आध्यात्मिक लगाव को दर्शाता है।

विवाह के उपरांत दंपती ने विधिवत रुद्राभिषेक कर भगवान शिव से अपने सुखद दांपत्य जीवन के लिए आशीर्वाद प्राप्त किया। इसके बाद वे आगरा यात्रा के लिए रवाना हुए। इस पूरे आयोजन की व्यवस्था और संयोजन वाराणसी एक्सपीरियंस के संस्थापक कुणाल रक्षित द्वारा किया गया। विदेशी युगल द्वारा काशी में सनातन परंपरा के अनुसार विवाह न केवल भारतीय संस्कृति की वैश्विक स्वीकार्यता को दर्शाता है, बल्कि यह भी प्रमाणित करता है कि भारतीय आध्यात्म और परंपराएं आज भी विश्वभर के लोगों को प्रेरित और आकर्षित कर रही हैं।