काशी में दोपहर में हुई मां गंगा की नित्य संध्या आरती, 32 साल में चौथी बार दोपहर में हुई दोपहर में आरती

 
वाराणसी। धर्म की नगरी काशी में होने वाली नित्यसंध्या होने वाली मां गंगा की होने वाली आरती शनिवार को दोपहर में हुई। 32 वर्ष में यह चौथा मौका था जब मां गंगा की आरती दोपहर में की गई। इसकी वजह देर रात लगने वाला चंद्र ग्रहण है। क्योंकि चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक काल होता है और इस दौरान कोई भी शुभ कार्य और धार्मिक अनुष्ठान नहीं किया जाता। यही वजह है कि धर्म की नगरी काशी में मां गंगा की आरती को सूतक काल से पहले संपन्न करवाया गया। 
 जय मां गंगा सेवा समिती की ओर से असि घाट पर 28 अक्तूबर को गंगा आरती दोपहर 2:30 बजे की गई। आरती का समापन साढ़े तीन बजे हुआ। इससे पहले तीन बार चंद्रग्रहण के कारण आरती का समय बदला जा चुका है। पिछली बार 16 जुलाई 2019 को समय बदला गया था। उसके पहले 27 जुलाई 2018 और आठ अगस्त 2017 को गंगा आरती चंद्र ग्रहण के कारण दोपहर में की गई थी। जय मां गंगा सेवा समिती के बलराम मिश्र के अनुसार खंडग्रास चंद्रग्रहण का सूतक काल ग्रहण के स्पर्श से नौ घंटे पूर्व शुरू हो जाता है। इसे ध्यान में रखते हुए आरती का समय बदला गया है। 28 अक्तूबर को चंद्र ग्रहण का सूतक सायंकाल 04:25 बजे आरंभ हो जाएगा। 
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण से पूर्व देवालयों के कपाट बंद करने की परंपरा है। ग्रहण पश्चिमी प्रशांत महासागर, ऑस्ट्रेलिया, एशिया, यूरोप, अफ्रीका, पूर्वी दक्षिण अमेरिका, उत्तर-पूर्वी उत्तरी अमेरिका, अटलांटिक महासागर, हिंद महासागर और दक्षिण प्रशांत महासागर में दिखाई देगा। यह ग्रहण आधी रात के आसपास भारत के सभी स्थानों पर दिखाई देगा। ग्रहण की अवधि 1 घंटा 19 मिनट रहेगी। ग्रहण का उपच्छाया चरण 01 बजे शुरू होगा। 29 अक्टूबर को 05 मिनट और 02:24 मिनटपर समाप्त होगा। खगोलीय घटना के अनुसार, चंद्र ग्रहण पूर्णिमा के दिन होता है। जब पृथ्वी चंद्रमा और सूर्य के ठीक बीच में स्थित होती है, तो पृथ्वी की छाया चंद्रमा की सतह पर पड़ती है, जिससे चंद्रमा की सतह धुंधली हो जाती है और कभी-कभी कुछ घंटों के दौरान चंद्रमा की सतह एकदम लाल हो जाती है।