काशी द्वार के विरोध में धरने पर बैठे किसानों ने प्रशासन को चेताया, कहा - अनसुने रवैये से किसान करेंगे उग्र आंदोलन

 
वाराणसी। पिंडरा में काशी द्वार के विरोध में 16 वें दिन धरने में बैठे किसान उग्र दिखे। साथ ही आंदोलन को और तेज करने की रणनीति बनाई। कहा कि काशी द्वार को लेकर जिला प्रशासन द्वारा कोई भी बयान न देने से किसान आक्रोशित हैं और किसी भी तरह की अनहोनी घटना होने पर प्रशासन जिम्मेदार होगा।

गुरुवार को धरने में पहुंची पूर्व विधायक ऊदल की पुत्री रमा ऊदल ने कहा कि पिंडरा एक उपजाऊ भूमि वाला क्षेत्र है। यहाँ नगदी फसलों के साथ बहु फसली खेती होती है और सबके जीविकोपार्जन का साधन है। सरकार को इस पर नए सिरे से बात करने की जरूरत है। वहीं अनवरत दिन रात चलने वाले धरना प्रदर्शन में किसान आंदोलन को लेकर एकजुट दिखे।

इस दौरान अशोक पटेल, रामजी सिंह, जवाहरलाल दुबे, शिव बहादुर सिंह, प्यारेलाल, राजकुमार पटेल, अनूप पटेल, राजनाथ, दूधनाथ, सियाराम, गिरधारी, अनिल, संतोष, सत्यनारायण, बच्चेलाल, शिवशंकर, आशीष समेत अनेक किसान रहे।