छत से गिरी महिला की मौत का 15 दिन बाद भी नहीं हुआ खुलासा, परिजनों ने मुख्यालय पर किया जमकर प्रदर्शन, एसीपी को सौंपा पत्रक
वाराणसी। जैतपुरा थाना अंतर्गत ढेलवरिया में रेनू गौड़ नाम की महिला की मौत मामले में परिजनों ने बीच रोड जमकर प्रदर्शन किया था। उन्होंने महिला के मौत को लेकर हत्या का आरोप लगाया था। जिसके बाद पुलिस के उच्चाधिकारियों ने मामले की जांच कर दोषियों की गिरफ़्तारी का आश्वासन दिया था।
अब जबकि घटना को कई दिन बीत चुके हैं और इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसे लेकर परिजनों ने मंगलवार को जिला मुख्यालय पर जमकर प्रदर्शन किया। उनके साथ बड़ी संख्या में समाजवादी पार्टी के पदाधिकारी भी मौजूद रहे। उन्होंने मामले की जांच के लिए एसीपी कैंट को ज्ञापन भी सौंपा। साथ ही कार्रवाई की मांग की।
सपा की पूर्व दर्जा प्राप्त मंत्र रीबू श्रीवास्तव ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जी के संसदीय क्षेत्र जनपद वाराणसी में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा बहुत ही गलत साबित हुआ। 15 जुलाई आदिवासी समाज की महिला रेनू गौड़ की मौत हो गई थी। वह गरीबी के कारण चौका बर्तन करके अपना तथा आपने परिवार व बच्चों का पालन पोषण करती थी। 15 जुलाई की शाम भी वह काम करने गई थी। कुछ देर बाद अनजान मोबाइल से रेनू गौड़ के पति के मोबाइल पर फोन आया, जिसमें कहा गया कि जल्दी आ जाओ। वहाँ पर जब रेनू गौड़ के पति पहुंचे तो पता चला की रेनू गौड़ की मृत्यु हो गयी है।
रेनू गौड़ के पति ने अपनी पत्नी की दुष्कर्म के बाद हत्या किए जाने की आशंका जताई। कहा कि रेनू के मालिक व उसके परिवार वाले डराते धमकाते हुए जाति सूचक गालियां देते हुए आरोप लगाया कि तुम्हारी पत्नी चोरी करके भाग रही थी। मौके पर पहुंची पुलिस प्रशासन द्वारा लाश को देखने भी नहीं दिया गया और न ही लाश को घर ले जाने दिया गया और लाश को पोस्ट मार्टम हाउस भेज दिया गया।
पूर्व मंत्री ने आगे कहा कि रेनू का पति बार-बार कहता रहा कि मेरी पत्नी की लाश दे दी जाय, लेकिन लाश दिया नहीं दी गई। शव को पोस्ट मार्टम हाउस भेजकर वहाँ उपस्थित महिलाओं व परिवार वालों के ऊपर पुलिस प्रशासन द्वारा लाठी चार्ज कर के भगा दिया गया। यह पुलिस प्रशासन की घोर लापरवाही है कि अभी तक हत्यारों का पता नहीं लगा सकी।