सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय में करोड़ों रुपये के गबन में शामिल रमेश पटेल को ईओडब्लू ने किया गिरफ्तार
सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय को दुर्लभ पांडुलिपियों व ग्रंथों के मुद्रण और प्रकाशन के लिए शासन से मिले करोड़ों के अनुदान में गबन के एक आरोपित रमेश कुमार पटेल को रविवार की रात ईओडब्लू (आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा) की वाराणसी ईकाई ने गिरफ्तार कर लिया। रमेश शिवपुर थाना क्षेत्र के मीरापुर बसही का निवासी है।
वाराणसी। सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय (Sampurnanand Sanskrit University) को दुर्लभ पांडुलिपियों व ग्रंथों के मुद्रण और प्रकाशन के लिए शासन से मिले करोड़ों के अनुदान में गबन के एक आरोपित रमेश कुमार पटेल को रविवार की रात ईओडब्लू (EOW) (आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा) की वाराणसी ईकाई ने गिरफ्तार कर लिया। रमेश शिवपुर (Shivpur) थाना क्षेत्र के मीरापुर बसही (Mirapur Basahi) का निवासी है।
वर्ष 2014 में चेतगंज थाने दर्ज इस मुकदमे की जांच शासन ने ईओडब्लू (EOW) की वाराणसी इकाई को सौंपी थी। ईओडब्लू निरीक्षक सुनील कुमार वर्मा (Sunil Kumar Verma) के नेतृत्व में गठित टीम में मुख्य आरक्षी विनीत पांडेय, हेमन्त सिंह, रामाश्रय सिंह व आरक्षी सरफराज अंसारी ने आरोपित को गिरफ्तार किया। इंस्पेक्टर सुनील वर्मा ने बताया कि इस सम्बंध में वर्ष 2014 में थाना चेतगंज (Thana Chetganj) पर धोखाधड़ी सहित कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर साजिशन सरकारी धन गबन का मुकदमा दर्ज है।
इंस्पेक्टर ने बताया कि उत्तर प्रदेश शासन द्वारा सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी को वित्तीय वर्ष 2000-2001 से 2009-10 के बीच दुर्लभ पांडुलिपियों व ग्रंथो के मुद्रण / प्रकाशन हेतु विशेष अनुदान की धनराशि 10,20,22,000 (दस करोड़ 20 लाख 22 हजार) रूपये आवंटित किया गया था। मुद्रण के लिये जिम्मेदार विश्वविद्यालय प्रकाशन संस्थान के तात्कालीन निदेशक द्वारा वित्त विभाग के अधिकारियों, प्रिंटिंग प्रेस मालिकों और अन्य लोगों से मिलीभगत करके दुर्लभ पांडुलिपियों और ग्रंथों का बिना मुद्रण कराये ही लगभग 5.68 करोड़ रुपये शासकीय धन का फर्जी भुगतान करके आपस में गबन कर लिया गया। प्रकाशन विभाग द्वारा लगभग 3.67 करोड़ रुपये का मात्र वैध मुद्रण कार्य कराया गया। इस अभियोग में शामिल दो प्रेस संचालकों की गिरफ्तारी पिछले माह की जा चुकी है।