बीएचयू में जुटे ख्यात मौसम वैज्ञानिक, जलवायु परिवर्तन को लेकर की चर्चा

बीएचयू के स्वतंत्रता भवन सभागार में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें देश भर के ख्यात मौसम वैज्ञानिक जुटे। मौसम विशेषज्ञों ने जलवायु परिवर्तन समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा की। संगोष्ठी का विषय क्लाइमेट चेंज एंड अग्रोईकोसिस्टम: थ्रेट्स, ओप्पोर्तुनिटीज़ एंड सोलूशन्स'  'इनग्मेट-2024' रखा गया था। कार्यक्रम का आयोजन कृषि मौसम विज्ञानियों संघ, भारत मौसम विज्ञान विभाग, डीएसटी महामना जलवायु परिवर्तन एवं उत्कृष्ट शोध केंद्र , पर्यावरण एवं धारणीय  विकास संस्थान भूभौतिकी विभाग, काशी हिंदू विश्वविद्यालय साउथ  तथा एशियाई फोरम आन एग्रीकल्चर मीटरोलॉजी की ओर से किया गया। 
 

वाराणसी। बीएचयू के स्वतंत्रता भवन सभागार में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें देश भर के ख्यात मौसम वैज्ञानिक जुटे। मौसम विशेषज्ञों ने जलवायु परिवर्तन समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा की। संगोष्ठी का विषय क्लाइमेट चेंज एंड अग्रोईकोसिस्टम: थ्रेट्स, ओप्पोर्तुनिटीज़ एंड सोलूशन्स'  'इनग्मेट-2024' रखा गया था। कार्यक्रम का आयोजन कृषि मौसम विज्ञानियों संघ, भारत मौसम विज्ञान विभाग, डीएसटी महामना जलवायु परिवर्तन एवं उत्कृष्ट शोध केंद्र , पर्यावरण एवं धारणीय  विकास संस्थान भूभौतिकी विभाग, काशी हिंदू विश्वविद्यालय साउथ  तथा एशियाई फोरम आन एग्रीकल्चर मीटरोलॉजी की ओर से किया गया। 

संगोष्ठी का उद्घाटन डॉ ची श्रीनिवास राव, निदेशक, राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रबंधन अकादमी हैदराबाद, प्रो. एएस. रघुवंशी, निदेशक, पर्यावरण धारणीय संस्थान की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। डॉ केके सिंह, अध्यक्ष ने स्वागत सम्बोधन किया। सभा को आम के संगठन, इतिहास और वर्तमान गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। इसमें 1800 से अधिक आजीवन सदस्य हैं। प्रो. एएस. रघुवंशी ने बताया की संगोष्ठी 'इनग्मेट-2024' एक अद्वितीय अवसर प्रस्तुत करता है, जो सकारात्मक परिवर्तन को प्रेरित करता है और समावेशी कृषि भविष्य को परिभाषित कर सकता है। डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव ने सम्मेलन की संरचना के बारे में बताया। कार्यक्रम के प्रथम दिवस के सत्र का मुख्य विषय जलवायु परिवर्तन का कृषि पर प्रभाव, चरम मौसमी घटनाओं से बचाव, मानसून परिवर्तनशीलता और पूर्वानुमेयता, जलवायु अनुकूल कृषि रणनीतिया, आर्टिफीसियल इंटेलिजेन्स तथा तकनिकी नवाचारों से उत्कृष्ट कृषि, किसान की आय वर्धन व् जोखिम हस्तांतरण और फसल बीमा था। अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में भारतीय कृषि और मौसम विज्ञान के देश और विदेश के वैज्ञानिकों ने जोखिम, अवसर, और समाधान के बारे में अपने विचार प्रस्तुत किए। इसमें डॉ. रॉबर्ट स्टेफंस्की, विश्व मौसम विज्ञान संगठन, जिनेवा, डॉ. एपी डिमरी, निदेशक, भारतीय भू-चुंबकत्व संस्थान, मुंबई,  डॉ. वीएम तिवारी, निदेशक, सीएसआईआर- एनजीआरआई, हैदराबाद, डॉ अनिल कुमार गुप्ता एनआईडीएम, नई दिल्ली,  द्वारा विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर व्याख्यान दिए गएय़ प्रोफेसर सवरी ने कहा कि  जटिल चुनौतियों का सामना करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग की महत्वपूर्ण भूमिका को जोर दिया। इसी के साथ संगोष्ठी के सत्रों की अध्यक्षता प्रो. संजीवा राव, पूर्व सचिव, डीएसटी, प्रो. एके सहाय, साइंटिस्ट, आईआईटी एम पुणे समेत कई विख्यात वैज्ञानिकों ने की। एआईनाग्मेट 2024 में मुख्य वक्ताओं, पैनल चर्चाओं, और कार्यशालाओं का विविध कार्यक्रम आयोजित हुआ, जिसमें क्लाइमेट-स्मार्ट कृषि प्रौद्योगिकियों से लेकर संविधानिक विकास के लिए नीति ढांचे तक के विषयों पर चर्चा हुई। शिक्षा, उद्यमिता, और नवाचार में अग्रणी अंतरराष्ट्रीय समर्थक और हितधारक संगठनों को सहभागिता की ओर प्रेरित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्रीनिवास राव ने जलवायु परिवर्तन के प्रभाव पर जोर दिया। वैज्ञानिक अनुसंधान और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के महत्व को बताया। डॉ जगदीश शुक्ला, विशिष्ट अतिथि ने जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिए आवश्यक नए दृष्टिकोण के बारे में बात की। बताया, कि यह विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के लिए एक अद्वितीय अवसर है। हम इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण में हैं, जहां संयुक्त कार्रवाई और नवाचार हमारे खाद्य प्रणालियों के मार्ग को निर्धारित कर सकते हैं। सत्र  के उपरान्त सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसका नेतृतव प्रोफेसर संगीता पंडित प्रदर्शन कला संकाय ने किया।  

कार्यक्रम का संयोजन डॉ केके सिंह, अध्यक्ष, एसोसिएशन ऑफ एग्रोमेटोरोलॉजिस्ट (आम) वाराणसी, डॉ. एसबी यादव, सचिव, आम, प्रो. आरएस सिंह, अध्यक्ष, आम वाराणसी अध्याय,  प्रो. आर भाटला, उपाध्यक्ष, आम वाराणसी अध्याय, भूभौतिकी विभाग, प्रो. आरके मल्ल, उपाध्यक्ष, आम वाराणसी अध्याय, डीएसटी -एमसीइसीसीआर,  पर्यावरण एवं धारणीय विकास संस्थान, प्रो. एमके श्रीवास्तव, भूभौतिकी विभाग, प्रो. अखिलेश रघुबंशी, डायरेक्टर, पर्यावरण एवं धारणीय विकास संस्थान, प्रो. वीके मिश्रा, विभागाध्यक्ष, डॉ आरपी सिंह, डॉ टी बनर्जी, डॉ विशाल प्रसाद आदि ने किया। धन्यवाद ज्ञापन प्रो. आरके मल्ल, संयोजक, इनग्मेट ने किया। संचालन डॉ. पीसी अभिलाष ने किया।