ओवैसी के भड़काऊ बयान के खिलाफ चुनाव आयोग ने जारी किया नोटिस, PDM अध्यक्ष से 7 दिन के भीतर मांगा जवाब

 
वाराणसी। लोकसभा चुनाव [Loksabha Election] के मद्देनजर वाराणसी में AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी पिछले दिनों पीडीएम न्याय मोर्चा की जनसभा में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने पीएम मोदी, RSS, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर जमकर हमला बोला। 

ओवैसी के इस भाषण पर भाजपा [BJP] ने ऐतराज जताया था। जिसके बाद भाजपा विधि प्रकोष्ठ ने इस पर नाराजगी जताते हुए चुनाव आयोग से ओवैसी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। जिसे संज्ञान में लेते हुए चुनाव आयोग ने PDM के जिलाध्यक्ष को नोटिस जारी करते हुए इस पर सात दिन के भीतर जवाब मांगा है। 

गौरतलब है कि भाजपा विधि प्रकोष्ठ काशी क्षेत्र संयोजक अधिवक्ता शशांक शेखर त्रिपाठी ने शुक्रवार को चुनाव आयोग से इसकी शिकायत दर्ज कराई थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ऊपर कई गलत, झूठ, अनर्गल आरोप और अल्पसंख्यक समाज को भड़काकर उनका ध्रुवीकरण करने के लिए भी कई प्रकार के गलत व झूठे बयान दिए। समाज की धार्मिक भावनाओं को भड़काने का प्रयास किया गया। इसके लिए अधिवक्ता ने चुनाव आयोग [Election Commision] से इसकी शिकायत की है।

बता दें कि एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी [Owaisi] ने पिछले दिनों वाराणसी में आयोजित सभा में कहा कि उत्तर प्रदेश की जेलों में सबसे ज्यादा दलित, पिछड़ा, आदिवासी और मुसलमान हैं। बुलडोजर से घर हमारा तोड़ा जाता है। पैर में गोली हमारे मारी जाती है और जेल में जहर हमें दिया जाता है। इसलिए हम चाहते हैं कि हम सिर्फ वोट डालने वाले न रह जाएं। हम वोट लेने वाले भी बनें। ओवैसी ने कहा कि मुख्तार अंसारी न्यायिक अभिरक्षा में मार दिए गए। वह शहीद हैं और ऐसे लोग कभी मरा नहीं करते, वो जिंदा रहते हैं। उन्हें बचाने की जिम्मेदारी भाजपा सरकार की थी, मगर वह नाकाम रही।