इकोस ऑफ खजुराहो" प्रदर्शनी का शुभारंभ, कला, संस्कृति और आध्यात्मिकता का अभिनव संगम
वाराणसी। बीएचयू के दृश्य कला संकाय की ओर से आयोजित भव्य कला प्रदर्शनी “इकोस ऑफ खजुराहो” का सोमवार को उद्घाटन अहिवासी कला वीथिका में संकाय प्रमुख प्रो. उत्तमा दीक्षित के मुख्य आतिथ्य में हुआ। यह प्रदर्शनी खजुराहो की शिल्पकला और वाराणसी की आध्यात्मिक चेतना को जोड़ने वाली एक अद्वितीय सांस्कृतिक पहल है।
प्रदर्शनी में दृश्य कला संकाय के 20 पूर्व और वर्तमान छात्रों की लगभग 200 कलाकृतियां प्रदर्शित की गई हैं। ये कलाकृतियां जलरंग, एक्रेलिक, पेंसिल और चारकोल जैसे विविध माध्यमों में निर्मित हैं, जो हैंडमेड, फैब्रियानो, आइवरी, केन्सन और कैनवास जैसी सतहों पर उकेरी गई हैं। हर चित्र न केवल एक तकनीकी उपलब्धि है, बल्कि भारतीय कला और संस्कृति के प्रति एक श्रद्धास्वरूप अभिव्यक्ति भी है।
प्रो. उत्तमा दीक्षित ने बताया कि "यह प्रदर्शनी केवल दृश्य कला का प्रदर्शन नहीं है, बल्कि यह युवा कलाकारों की रचनात्मकता, उनके दृष्टिकोण और भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों के प्रति उनकी संवेदनशीलता का प्रतीक है। यह प्रयास खजुराहो की शाश्वत मूर्तिकला और वाराणसी की सनातन आध्यात्मिकता के बीच संवाद स्थापित करता है।"
प्रदर्शनी के क्यूरेटर एवं सहायक आचार्य डॉ. सुरेश चंद्र जांगिड़ ने इसे एक "कलात्मक श्रद्धांजलि" करार दिया। उन्होंने कहा, "छात्रों की ये कलाकृतियां केवल दृश्य सौंदर्य नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक संदेश हैं, जिनमें खजुराहो की शिल्प-परंपरा और काशी की आत्मिक विरासत का सुंदर समन्वय झलकता है।"
प्रदर्शनी में प्रवीण पटेल, मिथिलेश प्रसाद मेली, पवन चौरसिया, रोहित शर्मा और शिवम सरोज जैसे प्रतिभाशाली छात्रों की कलाकृतियाँ विशेष आकर्षण का केंद्र रहीं। प्रो. दीक्षित ने इन कृतियों को गहनता से देखा और उनकी "सृजनात्मक उत्कृष्टता" की मुक्त कंठ से प्रशंसा की। इस अवसर पर के. सुरेश कुमार (छात्र सलाहकार), डॉ. महेश सिंह, डॉ. सुनील पटेल, कृष्णा सिंह, अनिल शर्मा और मानती शर्मा जैसे अनेक विशिष्टजन उपस्थित रहे।