Durga Puja 2024: काशी में दुर्गा पूजा का उत्साह, ‘मिनी बंगाल’ बन गई काशी, पंडालों की सजावट से गदगद हुई काशी, देखें तस्वीरें

 

वाराणसी। काशी की गलियों में इस समय दुर्गा पूजा का उत्साह चरम पर है, और बंगाल जैसी झलक हर ओर दिखाई दे रही है। शहर और गांवों में स्थापित सैकड़ों पूजा पंडालों में मां दुर्गा के जयकारे गूंज रहे हैं। पंडालों में देवी की प्रतिमाओं के पट खुलते ही श्रद्धालु भक्ति में डूब गए हैं, और काशी रातभर जागती नजर आ रही है। 

शुक्रवार की रात को विभिन्न पंडालों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जहां देवी गीत और पाठ के स्वर गूंजते रहे। शहर के 648 पूजा पंडालों में कलश पूजन के बाद देवी के दर्शन प्रारंभ हो चुके हैं। पुलिस प्रशासन भी सुरक्षा के मद्देनजर सतर्क है, संवेदनशील क्षेत्रों में सादे वर्दी में पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है और ड्रोन कैमरों से निगरानी रखी जा रही है। 

नारायणपुर, नुआँव, डाफी स्थित बाबा स्पोर्टिंग क्लब द्वारा नवरात्रि के इस पावन अवसर पर विशेष आयोजन हो रहे हैं। महासप्तमी के दिन बच्चों की प्रतियोगिता और महाष्टमी को देवी जागरण का आयोजन किया गया, जबकि नवमी को कन्या पूजन और भंडारे का आयोजन किया जाएगा। क्लब के संयोजक दीपक सिंह राजवीर ने बताया कि इस प्रकार के उत्सवों में प्रशासन के निर्देशों का पालन करना चाहिए। 

चेत सिंह किला परिसर में स्थापित केडीएस दुर्गा प्रतिमा विशेष आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। यह एक 'चाला' शैली की प्रतिमा है, जिसे देखने के लिए लोग दूर-दूर से आ रहे हैं। प्रतिमा का मुकुट चार फीट का है, जिसे खूबसूरती से सजाया गया है। आयोजकों ने बताया कि तीन दिनों तक विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। 

केदार घाट पर केदार स्पोर्टिंग क्लब द्वारा हर साल अलग-अलग थीम पर आधारित प्रतिमाएं बनाई जाती हैं। इस बार 2.5 कुंतल दलों से बनी प्रतिमा लोगों को आकर्षित कर रही है। वहीं, सोनारपुरा के स्टूडेंट क्लब और भेलूपुर के जिम स्पोर्टिंग क्लब ने भी भव्य प्रतिमाएं स्थापित की हैं, जो खासतौर पर कोलकाता से आए कलाकारों द्वारा बनाई गई हैं। 

वाराणसी दुर्गोत्सव सम्मिलनी पांडे हवेली में भी एक 'चाला' प्रतिमा स्थापित की गई है, जिसे असली गहनों से सजाया गया है। यहां पर नवमी के दिन भक्तों को मछली का प्रसाद वितरित किया जाता है, जो यहां की खास परंपरा है। 

भेलूपुर के जिम स्पोर्टिंग क्लब में भी विशेष उत्सव का आयोजन हो रहा है। मूर्ति बनाने की प्रक्रिया को विधि-विधान के साथ शुरू किया गया था, और अब पंडाल में भक्तों की भारी भीड़ जुट रही है। मूर्ति विसर्जन के समय बंग समाज की महिलाएं सिंदूर की होली खेलती हैं, और भक्त मां दुर्गा से अगले वर्ष जल्दी लौटने की कामना करते हैं।

इसी प्रकार सनातन धर्म इंटर कालेज, हथुआ मार्केट, शिवपुर मिनी स्टेडियम के प्रांगण में भी पंडालों की आकर्षक तरीके से सजावट की गई है । भीड़ के मद्देनजर पंडाल में बैरिकेडिंग की गई है। हर पंडाल अपने आपम को सर्वश्रेष्ठ दिखाने में जुटे हुए हैं। राजघाट से लेकर मैदागिन, लहुराबीर, चेतगंज, नई सड़क, जगतगंज, गोदौलिया, जंगमबाड़ी, शिवपुर, अर्दली बाजार, रेशम कटरा, चौक समेत पूरा शहर गुलजार है। 

शिवपुर स्थित मिनी स्टेडियम में इस बार वृंदावन के प्रेम मंदिर के तर्ज पर पंडाल बनाया गया है। इसके अलावा हथुआ मार्केट के प्रसिद्ध प्रीमियम बॉयज क्लब पंडाल को स्वर्वेद मंदिर का स्वरुप दिया गया है। नई सड़क स्थित सनातन धर्म इंटर कॉलेज में जयपुर का प्रसिद्ध शीश महल बनाया गया है। पंडाल के अंदर नारी सशक्तिकरण और बाबा विश्वनाथ पर आधारित शो भी प्रस्तुत किया जा रहा है। यहां मां दुर्गा प्रतिमा 24 फीट ऊंची है, जबकि महादेव अर्धनारीश्वर के रूप में 25 फीट की प्रतिमा में देवी का दर्शन अपने भक्तों को कराया जा रहा है। पान दरीबा स्थित पंडाल में चौरसिया समाज के ओर से समुद्र के भीतर द्वारिकाधीश मंदिर को दिखाया गया है।

विशेश्वरगंज से मच्छोदरी, मुकीमगंज से प्रहलादघाट तक विद्युत झालरों की भव्य सजावट की गई है। मछोदरी स्थित पंडाल को उज्जैन के महाकाल मंदिर के तर्ज पर बनाया गया है। सोनारपुरा स्थित हरिशचंद्र घाट के पास शक्ति धाम में दुर्गापूजा के अवसर पर स्थापित हुई दुर्गा प्रतिमा को बंगाल के तर्ज पर बनाया गया है। इस बार शहर में बांग्ला शैली में कई मूर्तियां स्थापित की गई हैं। केदारघाट स्थित गली में केदार स्पोर्टिंग क्लब की ओर से विभिन्न दाल से बनी दुर्गा प्रतिमा स्थापित हुई है। भेलूपुर स्थित जिम स्पोर्टिंग क्लब में मां दुर्गा की प्रतिमा बांग्ला शैली में स्थापित की गई है।