मंडलायुक्त ने बीएचयू के अटल इन्क्यूबेशन सेंटर का किया दौरा, स्टार्टअप्स को प्रशासन से जोड़ने का दिया सुझाव

 

वाराणसी। मंडलायुक्त एस. राजलिंगम ने मंगलवार को बीएचयू स्थित अटल इन्क्यूबेशन सेंटर (AIC-MFIE-IM-BHU) का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने केंद्र के संचालन की समीक्षा की और स्टार्टअप्स तथा प्रबंधन टीम से विस्तार से चर्चा की। मंडलायुक्त ने स्टार्टअप्स को जिला प्रशासन एवं विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों से जोड़ने की योजना बनाने का सुझाव दिया, ताकि प्रशासन को नवाचार आधारित समाधान मिलें और स्टार्टअप्स को स्थानीय अवसर प्राप्त हों।

स्टार्टअप्स के साथ सीधा संवाद, विभिन्न क्षेत्रों में नवाचार की सराहना
मंडलायुक्त ने कृषि प्रौद्योगिकी (AgriTech), स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी (HealthTech), रक्षा प्रौद्योगिकी (Defence Tech), ड्रोन और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में कार्यरत स्टार्टअप्स से सीधे बातचीत की। उन्होंने इन स्टार्टअप्स के उत्पादों और सेवाओं का अवलोकन किया तथा उनके कार्यों में गहरी रुचि दिखाई। गौरतलब है कि यह केंद्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 18 सितंबर 2018 को उद्घाटित किया गया था। पिछले सात वर्षों में केंद्र ने 160 से अधिक स्टार्टअप्स को सहायता प्रदान की है, जिससे पूर्वी उत्तर प्रदेश में युवाओं को नवाचार और उद्यमिता की ओर आकर्षित किया गया तथा 2000 से अधिक रोजगार अवसर सृजित हुए हैं।

साझा परीक्षण सुविधा और सीएसआर फंडिंग पर जोर
दौरे के दौरान मंडलायुक्त ने वाराणसी एवं आसपास के क्षेत्रों में परीक्षण सुविधाओं के अभाव पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि स्टार्टअप्स को खाद्य, रक्षा या अन्य तकनीकी परीक्षणों के लिए दूरस्थ प्रयोगशालाओं में जाना पड़ता है, जिससे समय और लागत बढ़ती है। इस समस्या के समाधान के लिए उन्होंने एक साझा परीक्षण सुविधा विकसित करने की दिशा में पहल करने का सुझाव दिया, जो स्थानीय स्टार्टअप्स को मजबूती प्रदान करेगी। साथ ही, केंद्र को कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) फंडिंग प्राप्त करने के लिए प्रयास करने की सलाह दी, ताकि संचालन के लिए वैकल्पिक वित्तीय स्रोत उपलब्ध हो सकें।

केंद्र के योगदान की सराहना, बहु-संस्थानिक सहयोग की अपेक्षा
मंडलायुक्त ने केंद्र के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि यह दौरा उनके लिए महत्वपूर्ण और प्रेरणादायक रहा। उन्होंने दीर्घकालिक संचालन के लिए बहु-संस्थानिक सहयोग, सीएसआर फंडिंग और स्थानीय विभागों के साथ एकीकृत प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने अपेक्षा जताई कि शासन स्तर पर भी इस दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे, जिससे पूर्वांचल में नवाचार और उद्यमिता को नई ऊंचाई मिल सके। अंत में, उन्होंने केंद्र के पूरे परिसर का निरीक्षण किया, स्टार्टअप्स की कार्यप्रणाली को समझा और उद्यमियों से उनके अनुभवों एवं जरूरतों के बारे में जाना।

इस अवसर पर प्रबंध शास्त्र संस्थान, बीएचयू के निदेशक प्रो. आशीष वाजपेयी., डीन प्रो. सुजीत कुमार दुबे, अटल इन्क्यूबेशन सेंटर के प्रभारी आचार्य प्रो. पी. वी. राजीव, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी डॉ. नंदलाल तथा प्रशासनिक टीम के अन्य सदस्य उपस्थित रहे।