ढोल-नगाड़े की धुन के बीच नाचते गाते भक्तों ने किया मां श्रृंगार गौरी का दर्शन पूजन, मईया का जयकारों से गूंजा काशी विश्वनाथ धाम
मैदागिन से निकलती यात्रा में भक्तगण नाचते गाते मां श्रृंगार गौरी के दर्शन को पहुंचे। रास्त भर ढोल-नगाड़े बजते रहे। नवरात्रि के चौथे दिन मां श्रृंगार गौरी के दर्शन-पूजन की यह परंपरा पिछले 38 वर्षों से निरंतर चली आ रही है। शुक्रवार सुबह मैदागिन से यात्रा शुरू होकर काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंची। जहां, मां श्रृंगार गौरी सहित अन्य देवताओं, विग्रहों का पूजन किया गया। इस यात्रा में ज्ञानवापी केस की चारों वादिनी महिलाओं के अलावा ज्ञानवापी केस से जुड़े वकील और आम जन भी शामिल हुए। मैदागिन से गोदौलिया तक लोगों की भीड़ उमड़ी।
सुबह मैदागिन स्थित एक मंदिर से शोभायात्रा का आगाज हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विष्णुशंकर जैन, सुधीर त्रिपाठी और सुभाष नन्दन चतुर्वेदी, वादिनी लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू व्यास, रेखा पाठक समेत धर्माचार्यों, विद्वानों और काशी के कई वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता शामिल रहे।
भक्तों ने श्रृंगार गौरी के अलावा परिसर में व्यास जी का तहखाना, श्री काशी विश्वनाथ गर्भगृह और माता अन्नपूर्णा, ढूंढीराज गणेश, हनुमान जी आदि का भी पूजन किया गया। डीसीपी काशी और एडीसीपी काशी ने यात्रा को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। दशाश्वमेध एसीपी के नेतृत्व में पुलिस बल तैनात किया गया है। इसके अलावा केंद्रीय सुरक्षा बल और पीएसी भी तैनात रही।
ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद के तत्वावधान में लगभग 10 बजे श्रृंगार गौरी पूजन यात्रा निकाली गई और यह यात्रा काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंची। बांसफाटक स्थित श्रीसत्यनारायण भगवान के मंदिर से प्रारंभ होकर दर्शन पूजन के पश्चात पुनः इसी स्थान पर यात्रा संपन्न हुई।