काशी में डेंगू और मलेरिया नियंत्रण, हॉट-स्पॉट इलाकों में साप्ताहिक फीवर कैंप, अनवरत चल रहा जागरुकता अभियान 

जिले में डेंगू और मलेरिया को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह सतर्क है। हॉट स्पॉट क्षेत्रों में साप्ताहिक फीवर कैंप और जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। इन क्षेत्रों में पंचायतीराज विभाग और नगर निगम की मदद से एंटीलार्वा छिड़काव और फॉगिंग का काम निरंतर किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इन क्षेत्रों में निगरानी बनाए रखते हुए अब तक 5,897 बुखार के मरीजों की डेंगू और मलेरिया की जांच की जा चुकी है।
 

वाराणसी। जिले में डेंगू और मलेरिया को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह सतर्क है। हॉट स्पॉट क्षेत्रों में साप्ताहिक फीवर कैंप और जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। इन क्षेत्रों में पंचायतीराज विभाग और नगर निगम की मदद से एंटीलार्वा छिड़काव और फॉगिंग का काम निरंतर किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इन क्षेत्रों में निगरानी बनाए रखते हुए अब तक 5,897 बुखार के मरीजों की डेंगू और मलेरिया की जांच की जा चुकी है।

जिला मलेरिया अधिकारी एससी पांडे ने बताया कि शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में संवेदनशील स्थानों की पहचान की गई है। शहरी क्षेत्रों में बीएलडब्ल्यू कॉलोनी, बीएचयू, मारुति नगर कॉलोनी, पहाड़िया, और सुसवाही प्रेम नगर कॉलोनी सहित कुल 13 हॉट स्पॉट चिह्नित किए गए हैं। वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में अराजीलाइन, चिरईगांव, चोलापुर, हरहुआ, काशी विद्यापीठ और पिंडरा ब्लॉक के 10 गांवों को संवेदनशील घोषित किया गया है।

अब तक शहरी क्षेत्रों में 65 और ग्रामीण क्षेत्रों में 72 फीवर कैंप लगाए जा चुके हैं। शहरी क्षेत्रों में 50 अर्ध-कुशल कर्मियों द्वारा डोमेस्टिक ब्रीडिंग चेकर के रूप में काम कराया जा रहा है, जो घर-घर जाकर मच्छरजनित परिस्थितियों की जांच कर रहे हैं। अभी तक 71,000 घरों की जांच में 1,065 घरों में लार्वा पाए गए हैं, जहां गृहस्वामियों को नोटिस देकर लार्वा नष्ट करने का कार्य कराया गया है।

इन प्रयासों के कारण डेंगू और अन्य वेक्टरजनित रोगों के मामलों में गिरावट आई है। पिछले वर्ष अक्टूबर में जहां 172 मामले दर्ज किए गए थे, वहीं इस साल अक्टूबर में अब तक केवल 41 मामले सामने आए हैं। स्वास्थ्य विभाग की ये मुहिम आने वाले समय में भी जारी रहेगी ताकि रोगों को फैलने से रोका जा सके।