काशी द्वार योजना पर रजिस्ट्री पर लगी रोक हटाने की मांग, राज्यपाल को संबोधित उप जिलाधिकारी को  सौंपा ज्ञापन

 
वाराणसी। काशी द्वार परियोजना के खिलाफ किसानों ने कई महीनों तक तहसील पर धरना, प्रदर्शन, भूख हडताल भी किये थे और किसानों को जेल भी जाना पड़ा। अब जबकि यह कहा जा रहा है कि काशी द्वार योजना को निरस्त कर दिया गया है, तो किसानों का कहना है कि जब योजना ही निरस्त हो गयी तो जमीनों की रजिस्ट्री पर रोक क्यों लगी है। रजिस्ट्री पर लगी रोक हटाया जाए।

बता दें कि विगत दिनों पिंडरा के विधायक डॉ. अवधेश सिंह ने एक होटल में प्रेसवार्ता कर पत्रकारों व किसानों को बताया था कि किसानों के हित में काशी द्वार योजना निरस्त कर दी गई है। उस वक्त किसानों ने जमीन की रजिस्ट्री के बाबत जब पूछा तो उन्होंने बताया कि अभी रजिस्ट्री पर से रोक नहीं हटी है। इसी संदर्भ में कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष राजीव राम राजू की अगुवाई में किसानों का प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को उप जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचा और राज्यपाल को संबोधित पत्रक दिया। पत्रक में उल्लेख किया गया है कि जब योजना रद्द हो गयी है तो रजिस्ट्री पर से रोक क्यों नहीं हटायी गयी है। जब तक रजिस्ट्री पर लगी रोक नहीं हटायी जाएगी, तब तक किसान अपनी जमीन को बचाने के लिए संघर्ष करते रहेंगे। 

किसानों का कहना है कि उन्होंने इस बाबत मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को भी पत्रक दिया था, लेकिन अभी तक शासन स्तर से कोई आदेश किसानों को नहीं मिला है। किसान अपनी जमीन को देना नहीं चाहते क्योंकि जमीन कृषि बहुफसली है। जिससे किसान अपने परिवार का भरणपोषण, बच्चों की पढ़ाई, बच्चो की शादी-विवाह करते हैं। प्रतिनिधिमंडल में श्रीप्रकाश सिंह, सुरेन्द्र प्रताप सिंह, राकेश कनौजिया, राकेश सिंह रिसू, डॉ. विवेक सिंह, रजत सिंह, राजू भारती, जितेन्द्र कुमार, रविन्द्र कुमार, दीना सिंह, शोभा राजभर, शिवचंद मौर्य, शिवप्रसाद यादव, सुभाष सेठ, आनंद कुमार सिंह, वृजेश कुमार जैसल, चंदन कुमार, राहुल चौधरी, प्रदीप वेनवंशी, संदीप मौर्या आदि शामिल रहे।