काशी हिंदू विश्वविद्यालय में तिरंगा लगाने की मांग हुई तेज, अनशन पर बैठे छात्र की बिगड़ने लगी तबियत

 
वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय परिसर में तिरंगा लगाने की मांग को लेकर आंदोलनरत छात्र नेता विवेक सिंह अभिषेक की तीसरे दिन तबियत बिगड़ने लगी। जिसके बाद डॉक्टर्स ने मौके पर पहुंच कर छात्र का स्वास्थ्य परिक्षण करते हुए उपचार किया। 

जानकारी के मुताबिक, काशी हिंदू विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर 24 अप्रैल से छात्र नेता विवेक सिंह अभिषेक द्वारा आमरण अनशन एवं भूख हड़ताल शुरू हुआ। बुधवार की शाम तक विवेक सिंह के नेतृत्व में सैकङो के संख्या में छात्र मुख्य द्वार बंद कर भारत माता की जय नारा लगाते हुए आमरण अनशन पर बैठ गए। शुक्रवार को इस अनशन का तीसरा दिन है। विश्वविद्यालय परिसर में विशाल राष्ट्रीय ध्वज स्थापित करने के मांग को लेकर छात्रनेता विवेक सिंह ने कई दिनों से मुहिम चलाया हुआ है। 

ज्ञात हो कि भारत के सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में विशाल राष्ट्रीय ध्वज स्थापित है, पर दुर्भाग्यवश काशी हिंदू विश्वविद्यालय में अभी तक नहीं लग पाया है। छात्रों का कहना है कि विवेक सिंह को आमरण अनशन और भूख हड़ताल पर बैठने के बाद विश्वविद्यालय के अधिकारीगणों में घबराहट हो गई है। विश्वविद्यालय के अधिकारीयों एवं स्थानीय पुलिस अधिकारी द्वारा विवेक सिंह को काफी मान मनौव्वल के बाद भी वे नहीं माने। 

उनका कहना है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होगी एवं लिखित में परिसर के अंदर तिरंगा झंडा स्थापित करने का आदेश नहीं मिलेगा, तब तक वे अपना अनशन नहीं तोङेगें। विवेक सिंह ने कहा कि पिछले कई महीनों से ये आंदोलन लगातार चल रहा है पर एक कमेटी बनाने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन मौन है। विवेक सिंह का कहना है कि कुलपति राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान नहीं करते हैं एवं छात्रों के प्रति तानाशाही रवैया अपनाते हैं।