हीट वेव से बढ़ने लगे डिहाइड्रेशन के मरीज, मरीजों के ईलाज के लिए जिला अस्पताल में तैयारियां शुरू, जानिए तेज धूप से बचने के उपाय

 
वाराणसी। जनपद में इस समय प्रचंड गर्मी पड़ रही है। अप्रैल में ही तापमान इतना ज्यादा है कि आसमान से जैसे मानो आग बरस रही हो। हीट वेव के कारण लोग दिन में सड़कों पर निकलने से भी कतराने लगे हैं। 

हीट वेव के कारण लोग इस समय डिहाइड्रेशन के भी शिकार हो रहे हैं। अस्पतालों के ओपीडी के साथ ही इमरजेंसी में भी मरीजों की लाइन लग रही है। हीट वेव के मरीजों को लेकर स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट हो चुका है। जिला अस्पताल में इसके लिए तैयारियां की जा चुकी हैं। 

इसी बीच स्वास्थ्य विभाग की ओर से गाइडलाइन भी जारी की गई है कि लोग हीट वेव से जितना हो सके, उतना बचें क्योंकि हीट वेव की वजह से डिहाइड्रेशन काफी बढ़ जाता है। जिसके बाद लोगों को काफी समस्याएं होने लगती हैं। इस बारे में पंडित दीनदयाल उपाध्याय हॉस्पिटल के असिस्टेंट सीएमएस डॉ० ओमप्रकाश सिंह ने बताया कि डिहाइड्रेशन तब होता है, जब शरीर में जाने वाले पानी से अधिक पानी शरीर से बाहर निकल जाता है। 

हीट वेव के कारण डायरिया आदि के भी लक्ष्ण मरीजों में देखे जा रहे हैं। इसके साथ ही मूत्र त्याग, पसीना आना, कम पानी सेवन से डिहाइड्रेशन हो सकता है। इसलिए अधिक से अधिक पानी का सेवन करके ही इन समस्याओं से बचा जा सकता है। डॉ० ओमप्रकाश सिंह ने बताया कि यदि पानी का सेवन पानी की कमी के कारण सामंजस्य नहीं करता, तो डिहाइड्रेशन और गंभीर हो जाता है। उन्होंने बताया कि इस समय डिहाइड्रेशन से अस्पतालों में संख्या अभी कम है। लेकिन धीरे-धीरे मरीज आना शुरू हो गए हैं। 

बताया कि जो भी पेशेंट आ रहे हैं उनका हम लोग मुकम्मल इलाज भी कर रहे हैं। मरीजों को हाइड्रेट किया जा रहा है। डिहाइड्रेशन का मुख्य कारण यह होता है कि सबसे पहले जीभ का सूखना, पेशाब का कम होना, पेशाब का रंग बदल जाता है। इसमें स्किन की वेलोसिटी वह धीरे-धीरे कम होने लगती है। डिहाईड्रेशन बच्चों में भी देखा जाए तो मस्तिष्क पर इंटीरियर फाउंटेल होता है। वहां पर गड्ढा बन जाता है, यह सारे लक्षण डिहाईड्रेशन के हैं। अधिक पानी के सेवन से इससे बचा जा सकता है।