जिला जेल में निरूद्ध बंदी की मौत, परिजनों ने प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप, पिता बोले, प्रशासन की लापरवाही से गई जान 

चौकाघाट स्थित जिला जेल में तीन साल से अधिक समय से बंद दुष्कर्म आरोपी आशुतोष सिंह की सोमवार को संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई। इससे जेल प्रशासन और चिकित्सा व्यवस्था पर कई सवाल खड़े हो गए हैं। आशुतोष सिंह की सोमवार को पास्को कोर्ट में पेशी होनी थी, लेकिन उससे पहले ही उसकी तबीयत बिगड़ने की सूचना परिजनों को दी गई और बाद में उसकी मौत की खबर मिली। इससे परिजनों में आक्रोश फैल गया। 
 

वाराणसी। चौकाघाट स्थित जिला जेल में तीन साल से अधिक समय से बंद दुष्कर्म आरोपी आशुतोष सिंह की सोमवार को संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई। इससे जेल प्रशासन और चिकित्सा व्यवस्था पर कई सवाल खड़े हो गए हैं। आशुतोष सिंह की सोमवार को पास्को कोर्ट में पेशी होनी थी, लेकिन उससे पहले ही उसकी तबीयत बिगड़ने की सूचना परिजनों को दी गई और बाद में उसकी मौत की खबर मिली। इससे परिजनों में आक्रोश फैल गया। 

आशुतोष के पिता राघवेंद्र सिंह ने बताया कि उनका बेटा पिछले साढ़े तीन वर्षों से एक लड़की की शिकायत पर दुष्कर्म के आरोप में जेल में बंद था। सोमवार को उसकी पेशी पास्को कोर्ट के न्यायाधीश अजय कुमार तृतीय के समक्ष होनी थी। परिजन कोर्ट की तैयारी कर ही रहे थे कि सुबह 10 बजे जेल से फोन आया कि आशुतोष की तबीयत खराब हो गई है और उसे कबीरचौरा मंडलीय अस्पताल ले जाया गया है।

परिजन जब अस्पताल पहुंचे, तो उन्हें बताया गया कि आशुतोष को मृत अवस्था में ही लाया गया था। इस सूचना से परिजनों में आक्रोश फैल गया और उन्होंने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया। परिजनों का कहना है कि आशुतोष पूरी तरह से स्वस्थ था और उसकी मौत जेल प्रशासन की लापरवाही के कारण हुई है।

राघवेंद्र सिंह ने कहा, “मेरा बेटा बिल्कुल स्वस्थ था। हमें सिर्फ फोन पर बताया गया कि तबीयत खराब है, लेकिन जब पहुंचे तो शव मर्चरी में रखा हुआ था। डॉक्टरों ने साफ कहा कि वह मृत अवस्था में लाया गया था। हमें इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच और इंसाफ चाहिए।” यदि जांच कराकर उचित कार्रवाई नहीं हुई तो कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।