डीसीपी ने क्राइम मीटिंग में कानून व्यवस्था की समीक्षा की, मातहतों को दिए निर्देश

डीसीपी गोमती ज़ोन आकाश पटेल की ओर से पुलिस कार्यालय बाबतपुर में क्राइम मीटिंग का आयोजन किया गया। इसमें ज़ोन के समस्त थाना प्रभारी, चौकी प्रभारी एवं हल्का प्रभारी उपस्थित रहे। डीसीपी ने अपराध नियंत्रण और कानून व्यवस्था की समीक्षा की। इस दौरान मातहतों को आवश्यक निर्देश दिए। 
 

वाराणसी। डीसीपी गोमती ज़ोन आकाश पटेल की ओर से पुलिस कार्यालय बाबतपुर में क्राइम मीटिंग का आयोजन किया गया। इसमें ज़ोन के समस्त थाना प्रभारी, चौकी प्रभारी एवं हल्का प्रभारी उपस्थित रहे। डीसीपी ने अपराध नियंत्रण और कानून व्यवस्था की समीक्षा की। इस दौरान मातहतों को आवश्यक निर्देश दिए। 

डीसीपी ने निर्देशित किया कि एनसीआर या क्रॉस एफआईआर दर्ज करने से पहले सक्षम अधिकारी से अनुमति लेना अनिवार्य होगा। उन्होंने चिंता जताई कि कई मामलों में एफआईआर के बजाय अत्यधिक संख्या में एनसीआर दर्ज की जा रही है। यह प्रवृत्ति अनुचित है। धाराओं को बिना कारण न्यून करना अनुशंसनीय नहीं है। एनसीआर दर्ज होने के 24 घंटे के भीतर थाना प्रभारी द्वारा कार्यवाही की समीक्षा की जाएगी।

किसी भी मामले में रिपोर्ट दर्ज होने के पश्चात संबंधित व्यक्तियों के विरुद्ध शीघ्र निरोधात्मक कार्रवाई की जाए एवं उन्हें पाबंद किया जाए। सभी थाना प्रभारियों को सप्ताह में अनिवार्य रूप से एक बार O.R. बैठक आयोजित करने का निर्देश दिया गया। बीट व्यवस्था को प्रभावी रूप से लागू करना होगा। प्रत्येक कर्मचारी को सप्ताह में कम से कम दो दिन अपने बीट क्षेत्र में भ्रमण करना अनिवार्य होगा। बीट बुक्स को अद्यतन रखा जाए।

सभी विवेचनाएं विवेचकों में समान रूप से वितरित की जाएं, ताकि कार्यभार का असमान वितरण न हो। विवेचना रजिस्टर नियमित अद्यतन किया जाए। हाइवे चौकियों और थानों को गांजा, शराब और पशु तस्करी जैसी अवैध गतिविधियों की रोकथाम के लिए अतिरिक्त सतर्कता बरतने का निर्देश मिला। रात्रि गश्त के दौरान संदिग्ध व्यक्तियों की गहन जांच की जाए। बिना पहचान पत्र और मोबाइल फोन के घूमते व्यक्तियों को सत्यापन तक न छोड़ा जाए।

सभी वांछित अपराधियों को प्राथमिकता के आधार पर गिरफ्तार करने की कार्यवाही तेज़ की जाए। सी-प्लान ऐप में हर गांव से कम से कम 10 लोगों की सूची अद्यतन की जाए। यह सूची ढाई वर्षों से अद्यतन नहीं हुई है, अतः सभी समुदायों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करते हुए तत्काल कार्यवाही की जाए। थानों पर अनुपयोगी वाहनों की पहचान कर शीघ्र निस्तारण की दिशा में कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।


डीसीपी ने स्पष्ट रूप से कहा कि पुलिस विभाग की पारदर्शिता, जवाबदेही और दक्षता को बढ़ाना ही इस बैठक का प्रमुख उद्देश्य है। उन्होंने उपस्थित अधिकारियों से अपेक्षा की कि वे दिए गए निर्देशों का पूर्ण पालन करें एवं अपने दायित्वों का निर्वहन तत्परता से करें। इस बैठक में अपर पुलिस उपायुक्त, सहायक पुलिस आयुक्त राजातालाब व पिण्डरा, तथा समस्त थाना व चौकी प्रभारियों की सक्रिय भागीदारी रही।