ज्ञानवापी मस्जिद और श्रृंगार गौरी मामले पर अदालत की सुनवाई, 8 याचिकाओं पर 5 अक्टूबर को फैसला आने की संभावना

 
वाराणसी। ज्ञानवापी के श्रृंगार गौरी और ज्ञानवापी मस्जिद से संबंधित तीन प्रमुख याचिकाओं पर शनिवार को जिला न्यायालय में सुनवाई हुई। जिला जज संजीव पांडे ने पांच महिला वादियों के मामलों सहित कुल आठ याचिकाओं का विवरण लिया। अहम याचिकाओं पर दोनों पक्षों की दलीलें सुनी गईं, और मामले को निचली अदालत में भेजे जाने के लिए निर्णय सुरक्षित रख लिया गया, जिसे 5 अक्टूबर को सुनाया जाएगा।

सुनवाई में प्रमुख मुद्दे ज्ञानवापी परिसर में श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा-अर्चना, तहखानों की मरम्मत और मुस्लिम नमाजियों को तहखाने की छत पर जाने से रोकने की मांगों पर केंद्रित थे। इसके अलावा, ज्ञानवापी के बंद तहखानों के सर्वेक्षण और मरम्मत पर भी बहस हुई। 

राखी सिंह और काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई में, मंदिर न्यास ने तहखानों की छत और खंभों की मरम्मत की अनुमति मांगी है ताकि किसी दुर्घटना से बचा जा सके। मुस्लिम पक्ष ने इस मरम्मत पर आपत्ति जताई, जिसके बाद दोनों पक्षों में तीखी बहस हुई। 

इन मामलों में प्रमुख याचिका श्रृंगार गौरी और अन्य देवताओं की नियमित पूजा के लिए पांच महिला वादियों की ओर से दायर की गई है। इसके साथ ही, बंद तहखानों का एएसआई द्वारा वैज्ञानिक सर्वेक्षण कराने की मांग भी याचिका में शामिल है। 

पिछले साल इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा भी ज्ञानवापी परिसर के एएसआई सर्वेक्षण को महत्वपूर्ण बताया गया था, लेकिन दक्षिणी और उत्तरी तहखानों को बंद होने के कारण कवर नहीं किया जा सका था। अब याचिका में इन तहखानों का सर्वेक्षण करने की अनुमति मांगी गई है। 

सुनवाई के दौरान, श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने भी कोर्ट से आग्रह किया कि तहखानों की मरम्मत की जाए और नमाज के लिए तहखाने की छत पर भीड़ इकट्ठा होने पर रोक लगाई जाए, जिससे पुजारियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।