काशी विश्वनाथ धाम में दिखा शास्त्रीय व भक्ति संगीत का समन्वय, कथक के जरिये आदियोगी स्त्रोत की प्रस्तुति से किया मंत्रमुग्ध
वाराणसी। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास द्वारा शारदीय नवरात्रि के नवमी तिथि के अवसर पर भव्य धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन किया गया। इस शुभ दिन पर नीलकंठ महादेव मंदिर के समीप स्थित यज्ञ कुंड पर यज्ञ और हवन का आयोजन हुआ, जहां श्रद्धालुओं ने विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की। सायंकाल धाम के मन्दिर चौक स्थित सांस्कृतिक मंच पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें भारतीय कला, संस्कृति और भक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिला। कथक के जरिये कलाकारों ने आदियोगी स्त्रोत की मनमोहक प्रस्तुति दी।
कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण और डिप्टी कलेक्टर शम्भू शरण ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया। इसके पश्चात, श्री कलंगन आर्ट अकादमी के कलाकारों ने भरतनाट्यम की प्रस्तुति दी। इस प्रस्तुति में श्रृष्टि तिवारी और सौरभ त्रिपाठी ने भारतीय संस्कृति की गहराई और शास्त्रीय नृत्य की सुंदरता को बखूबी दर्शाया। दर्शकों ने भरतनाट्यम की इस प्रस्तुति का भरपूर आनंद लिया और इसे भारतीय कला का जीवंत अनुभव बताया।
इसके बाद सौमिता रॉय ने कथक नृत्य के माध्यम से अदियोगी स्त्रोत की प्रस्तुति दी। उनकी प्रस्तुति ने शास्त्रीय नृत्य और भक्ति संगीत के बीच एक अद्वितीय समन्वय को दर्शाया। कथक की यह प्रस्तुति दर्शकों को मंत्रमुग्ध करने वाली साबित हुई। कार्यक्रम में भजन संध्या का भी आयोजन किया गया, जिसमें सरोज वर्मा और नागेन्द्र मिश्र जैसे कलाकारों ने अपने भक्ति गीतों से वातावरण को भक्तिमय बना दिया।
दीपक तिवारी के नेतृत्व में भजन संध्या का आयोजन हुआ, जिसमें तबला वादक बलराम मिश्र, ढोलक वादक शुभम दुबे और अन्य संगीतकारों ने अपने संगीत से समा बांध दिया। इस अवसर पर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास ने काशी में स्थित शक्तिपीठ माता विशालाक्षी और राज राजेश्वरी माता को विशेष श्रृंगार सामग्री और वस्त्र अर्पित किए।