वाराणसी में मोहन भागवत के आगमन पर विरोध प्रदर्शन, महाकुंभ का जल अर्पित करने जा रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं से पुलिस की झड़प, कई हिरासत में 

 
वाराणसी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत के वाराणसी आगमन के दौरान उनके हिंदुत्व विचारों और धार्मिक परंपराओं को लेकर विरोध प्रदर्शन हुआ। गुरुवार शाम सिगरा स्थित भारत माता मंदिरके बाहर NSUI के कार्यकर्ताओं ने प्रयागराज महाकुंभ का पवित्र जल अर्पित करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया।

प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे कांग्रेस कार्यकर्ता विकास सिंह ने कहा, "संघ प्रमुख हमेशा हिंदुत्व की रक्षा की बात करते हैं, लेकिन जब इसे अपनाने की बात आती है तो वे पीछे हट जाते हैं। महाकुंभ सनातन धर्म का अहम हिस्सा है, जहां करोड़ों श्रद्धालु स्नान कर पुण्य अर्जित करते हैं, लेकिन मोहन भागवत इससे दूर रहे।"

उन्होंने आगे कहा कि हिंदुत्व केवल भाषणों में नहीं, बल्कि व्यवहार में भी दिखना चाहिए। यदि संघ प्रमुख वास्तव में सनातन परंपराओं के संरक्षक होते, तो वे स्वयं महाकुंभ में जाकर स्नान करते।

जब प्रदर्शनकारी मोहन भागवत को महाकुंभ का पवित्र जल अर्पित करने के लिए आगे बढ़े, तो मौके पर तैनात पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की। इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच तीखी बहस हुई, जिसके बाद पुलिस ने बलपूर्वक उन्हें खदेड़ा और कई लोगों को हिरासत में ले लिया।

इस घटना के बाद प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पक्षपात का आरोप लगाया। फिलहाल, सिगरा थाने में हिरासत में लिए गए प्रदर्शनकारियों से पूछताछ की जा रही है और पुलिस आगे की कार्रवाई पर विचार कर रही है।

इस विरोध प्रदर्शन में अनूप राय, ऋषभ पांडेय, संदीप पाल, शशांक शेखर सिंह, ओमजीत सिंह रिशु, अजीत कन्नौजिया, गौरव मिश्रा और मो. आसिफ सहित कई लोग शामिल थे।