प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था के खिलाफ कांग्रेस का प्रदर्शन, ई-रिक्शा चालकों का किया समर्थन, सुनी समस्याएं, सौंपा ज्ञापन

 

वाराणसी। यूपी में बिगड़ती कानून व्यवस्था के आरोपों को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों ने गुरुवार को जबरदस्त तरीके से शास्त्री घाट पर प्रदर्शन किया। इसके साथ ही उन्होंने कई दिनों से अनशनरत ई-रिक्शा चालकों का समर्थन किया। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के नेतृत्व में, कार्यकर्ताओं ने मंडलायुक्त कार्यालय पहुंचकर एडिशनल कमिश्नर संदीप कुमार गुप्ता को ज्ञापन सौंपा। इस प्रदर्शन में जिला अध्यक्ष राजेश्वर सिंह पटेल और महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ने भी शामिल रहे।.

प्रदर्शन से पहले कांग्रेस कार्यकर्ता शास्त्री घाट पर पिछले 15 दिनों से अनशन पर बैठे ई-रिक्शा चालकों के धरने में शामिल हुए, उनका समर्थन किया और उनकी समस्याओं को सुना। प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने बीजेपी के खिलाफ जमकर नारे लगाए, जिनमें "पुलिस का उत्पीड़न नहीं सहेंगे", "फर्जी एनकाउंटर बंद करो" और "कानून व्यवस्था ध्वस्त - योगी सरकार मस्त" जैसे नारे शामिल थे। 

शास्त्री घाट से पैदल मार्च करते हुए सभी कार्यकर्ता मंडलायुक्त कार्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने प्रशासन से प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था को सुधारने की मांग की। पुलिस बल भी मौके पर तैनात था, ताकि किसी अप्रिय घटना को रोका जा सके।

अजय राय ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति लगातार खराब होती जा रही है और ई-रिक्शा चालकों का शोषण हो रहा है। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर मोर्चा खोलने का फैसला किया है। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर गरीबों का शोषण करने और उनकी आजीविका छीनने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ता ई-रिक्शा चालकों के समर्थन में कदम से कदम मिलाकर चल रहे हैं।

इसके अलावा, अजय राय ने बीजेपी नेताओं द्वारा राहुल गांधी पर की जा रही आलोचना का कड़ा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि बीजेपी नेता राहुल गांधी पर अभद्र टिप्पणियां कर रहे हैं, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी के कुछ नेता मानसिक संतुलन खो चुके हैं और बिना सोचे-समझे हमारे नेता पर आरोप लगा रहे हैं।

वन नेशन, वन इलेक्शन पर राय ने कहा कि यह केवल जनता को गुमराह करने की कोशिश है। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर बीजेपी वास्तव में इस नीति को लागू करना चाहती है, तो हाल ही में हुए चार राज्यों के चुनावों में से सिर्फ दो में चुनाव क्यों हुए? बीजेपी प्रगति के नाम पर जनता को भटकाने का काम कर रही है।