सावधान ! कहीं आपको टारगेट तो नहीं कर रहे साइबर ठग...  साइबर ठगी के इन 10 तरीकों के बारे में कितना जानते हैं आप?

 
वाराणसी। डिजिटल युग में जहां एक ओर तकनीक ने जीवन को आसान बनाया है, वहीं दूसरी ओर साइबर अपराधियों ने इसका गलत फायदा उठाकर आम लोगों की गाढ़ी कमाई को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। “सावधानी हटी, दुर्घटना घटी” की कहावत आजकल साइबर ठगी के मामलों पर सटीक बैठती है। साइबर एक्सपर्ट मृत्युंजय सिंह के मुताबिक, ठग अब पहले से कहीं अधिक शातिर हो गए हैं और नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को अपने जाल में फंसा रहे हैं। वैसे तो इनके पास ठगी के कई पैतरे हैं, लेकिन इस समय 10 तरीकों से सबसे ज्यादा ठगी की जा रही है। इन ठगों के टारगेट पर केवल आम लोग ही नहीं, बल्कि प्रोफेशनल्स, सरकारी नौकरी वाले और यहां तक कि सरकार के विभागों के अधिकारी और कर्मचारी भी हैं। आइए जानते हैं इन ठगी के तरीकों के बारे में - 

क्या है ‘डिजिटल अरेस्ट’?

साइबर अपराध की एक नई और खतरनाक तकनीक "डिजिटल अरेस्ट" के नाम से सामने आई है। यह लगभग दो वर्षों से काफी तेजी से फ़ैल रहा है। इसमें अपराधी पहले पीड़ित को फोन करते हैं और खुद को किसी जांच एजेंसी से जुड़ा अधिकारी बताते हैं। वे मनी लॉन्ड्रिंग, ड्रग्स तस्करी या फिर किसी अन्य गंभीर अपराध में शामिल होने का आरोप लगाते हैं। इसके बाद नकली पुलिस अधिकारी, फर्जी दस्तावेज और वीडियो कॉलिंग के जरिए नकली ऑफिस का माहौल दिखाकर डर पैदा किया जाता है। अंत में "मामला रफा-दफा करने" के नाम पर भारी रकम ऑनलाइन ट्रांसफर करवा ली जाती है।

फिशिंग स्कैम: फर्जी लिंक का जाल

ठग प्रतिष्ठित कंपनियों, बैंक या सरकारी विभागों के नाम पर नकली मैसेज भेजते हैं। इनमें कहा जाता है कि आपकी नौकरी जा सकती है या बैंक खाता बंद हो जाएगा। इसके बाद एक लिंक भेजा जाता है, जिस पर क्लिक कर जानकारी भरने के लिए कहा जाता है। लोग जैसे ही अपनी निजी जानकारी देते हैं, ठग उनके बैंक खाते से पैसे उड़ा लेते हैं।

नौकरी के नाम पर ठगी

घर से काम करने की इच्छा रखने वाले बेरोजगार युवा और गृहणियां भी साइबर ठगी का शिकार बन रहे हैं। फर्जी जॉब वेबसाइट्स या सोशल मीडिया के जरिए उन्हें आकर्षक नौकरी के लिए आमंत्रित किया जाता है। आवेदन के बाद विभिन्न शुल्क जैसे जॉइनिंग फीस, डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन फीस, इत्यादि के नाम पर हजारों रुपये ऐंठ लिए जाते हैं। नौकरी तो मिलती नहीं, लेकिन जेब जरूर खाली हो जाती है।

डेटिंग ऐप्स पर प्यार का जाल

डेटिंग ऐप्स और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साइबर अपराधी डॉक्टर, आईएएस, आईपीएस, या सफल बिजनेसमैन जैसे झूठे प्रोफाइल बनाकर लोगों से दोस्ती करते हैं। भावनात्मक नजदीकी बढ़ाकर फिर अचानक किसी इमरजेंसी का बहाना बनाकर पैसों की मांग करते हैं। जैसे मेडिकल इमरजेंसी, एयरपोर्ट पर अरेस्ट होना या बिजनेस डील में अटकाव। लोग रिश्ते के झांसे में आकर ठगी का शिकार हो जाते हैं।

पार्सल स्कैम 

सोशल मीडिया पर पहले दोस्ती की जाती है, फिर कीमती गिफ्ट भेजने का बहाना बनाया जाता है। कुछ दिन बाद एक व्यक्ति कस्टम अधिकारी बनकर फोन करता है और पार्सल में महंगे सामान की जानकारी देकर टैक्स या कस्टम ड्यूटी के नाम पर पैसे मांगता है। लोग लालच में आकर पैसे ट्रांसफर कर देते हैं, लेकिन न गिफ्ट आता है और न ही ठगों का पता चलता है।

इन्वेस्टमेंट scam

साइबर ठग निवेश के नाम पर पोंजी स्कीम, क्रिप्टोकरेंसी या शेयर मार्केट में मोटा मुनाफा देने का लालच देते हैं। शुरुआत में थोड़ा मुनाफा देकर विश्वास जीतते हैं, और फिर जब बड़ी रकम निवेश करवाई जाती है, तो मोबाइल बंद कर गायब हो जाते हैं।

तत्काल लोन और क्रेडिट कार्ड स्कैम

सोशल मीडिया पर विज्ञापन डालकर दावा किया जाता है कि बिना दस्तावेज लोन या क्रेडिट कार्ड मिलेगा। लोग जब संपर्क करते हैं, तो उनसे प्रोसेसिंग फीस, इंश्योरेंस शुल्क या रजिस्ट्रेशन चार्ज के नाम पर पैसे लिए जाते हैं। पैसे जमा होते ही ठगों का नंबर बंद हो जाता है।

न्यूड वीडियो कॉल स्कैम 

अचानक वीडियो कॉल आता है, और सामने न्यूड लड़की होती है। जैसे ही कॉल उठाया जाता है, स्क्रीन रिकॉर्डिंग शुरू हो जाती है। इसके बाद अपराधी खुद को पुलिस या CBI अधिकारी बताकर ब्लैकमेल करते हैं और पैसे की मांग करते हैं। डर और बदनामी के कारण लोग रकम दे देते हैं।

क्यूआर कोड स्कैम: भेजने की जगह मांगने लगे पैसे

एक नया तरीका यह भी सामने आया है, जिसमें ठग खुद को दुकानदार बताकर किसी चीज के लिए भुगतान लेने का बहाना करते हैं। फिर एक क्यूआर कोड भेजते हैं और कहते हैं कि इसे स्कैन करके पेमेंट करें। लेकिन हकीकत में यह क्यूआर कोड पैसे भेजने के लिए होता है, और स्कैन करते ही खाते से रकम कट जाती है।

फेक हेल्पलाइन नंबर स्कैम

लोग जब ऑनलाइन किसी कंपनी का कस्टमर केयर नंबर सर्च करते हैं, तो वे फर्जी नंबरों पर पहुंच जाते हैं। ये नंबर असल में ठगों के होते हैं। वे मदद के नाम पर स्क्रीन शेयरिंग ऐप डाउनलोड करवाते हैं, और फिर मोबाइल या लैपटॉप को हैक करके बैंक खाते से पैसे निकाल लेते हैं।

बचाव के उपाय:

साइबर एक्सपर्ट मृत्युंजय सिंह के मुताबिक, सबसे जरूरी है जागरूकता और सतर्कता। कभी भी किसी अनजान लिंक पर क्लिक न करें, किसी से अपने बैंक की जानकारी या OTP साझा न करें, और सोशल मीडिया पर अनजान लोगों से निजी जानकारी बांटने से बचें।

अगर आप किसी भी तरह के साइबर अपराध का शिकार होते हैं, तो www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें या 1930 नंबर पर कॉल करके तुरंत सहायता लें।

यहाँ साइबर ठगी से बचने के कुछ महत्वपूर्ण और आसान उपाय दिए गए हैं, जिन्हें अपनाकर आप खुद को और अपने पैसे को सुरक्षित रख सकते हैं:

साइबर ठगी से बचाव के उपाय

1.    किसी अनजान लिंक पर क्लिक न करें:
ईमेल, SMS, या सोशल मीडिया पर भेजे गए किसी भी अंजान लिंक पर क्लिक न करें।

2.    OTP, पासवर्ड किसी से साझा न करें:
बैंक या किसी भी कंपनी का प्रतिनिधि कभी OTP या पासवर्ड नहीं मांगता। इसे किसी से शेयर न करें।

3.    फर्जी कस्टमर केयर नंबर से सावधान रहें:
गूगल पर दिख रहे नंबरों को बिना जांचे कॉल न करें। हमेशा कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट से नंबर लें।

4.    फ्री गिफ्ट या ऑफर के लालच में न आएं:
सोशल मीडिया या कॉल पर मिले मुफ्त गिफ्ट या ऑफर के झांसे में न आएं।

5.    सोशल मीडिया पर निजी जानकारी साझा न करें:
जन्मतिथि, पता, मोबाइल नंबर जैसी जानकारी सार्वजनिक न करें।

6.    स्ट्रॉन्ग पासवर्ड रखें और समय-समय पर बदलें:
पासवर्ड में अक्षर, संख्या और विशेष चिन्ह मिलाकर बनाएं।

7.    पब्लिक वाई-फाई से ऑनलाइन बैंकिंग न करें:
ओपन नेटवर्क सुरक्षित नहीं होते। इनसे आपका डेटा चोरी हो सकता है।

8.    फोन में स्क्रीन शेयरिंग ऐप न रखें:
AnyDesk, TeamViewer जैसे ऐप्स का गलत इस्तेमाल कर ठगी हो सकती है।

9.    बिना जांचे कोई ऐप डाउनलोड न करें:
केवल Google Play Store या Apple App Store से ही ऐप इंस्टॉल करें।

10.    क्रिप्टो या निवेश के झांसे में न आएं:
अधिक मुनाफे का लालच देकर ठग निवेश के नाम पर ठगी करते हैं।

11.    वीडियो कॉल पर सावधानी बरतें:
किसी अंजान व्यक्ति से वीडियो कॉल न करें, रिकॉर्डिंग कर ब्लैकमेल किया जा सकता है।

12.    QR कोड स्कैन करने से पहले पुष्टि करें:
QR कोड सिर्फ पेमेंट के लिए होते हैं, रसीद के लिए नहीं।

13.    फर्जी नौकरी के ऑफर से सतर्क रहें:
नौकरी देने से पहले फीस मांगने वाली वेबसाइट या लिंक से दूर रहें।

14.    साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर याद रखें:
ठगी की स्थिति में 1930 पर तुरंत कॉल करें या www.cybercrime.gov.in पर शिकायत करें।