BLW ने अंतरराष्ट्रीय पर लहराया अपनी दक्षता का परचम, मोजाम्बिक निर्यात किया 3300 एचपी डीजल-इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव 

 

 

वाराणसी। बरेका ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी तकनीकी दक्षता और गुणवत्ता का परचम लहराया है। महाप्रबंधक नरेश पाल सिंह के नेतृत्व में बरेका ने मोजाम्बिक रेलवे (सीएफएम) के लिए 3300 हॉर्स पावर के अत्याधुनिक एसी-एसी डीजल-इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव का निर्माण कर जून 2025 में दो इंजनों को सफलतापूर्वक निर्यात किया है। शेष आठ इंजनों का प्रेषण दिसंबर 2025 तक पूरा होने की योजना है। यह उपलब्धि ‘मेक इन इंडिया’ मिशन को सशक्त करते हुए भारत की इंजीनियरिंग क्षमता को वैश्विक स्तर पर प्रदर्शित करती है।

बरेका ने इससे पहले 2021-22 और 2022-23 में मोजाम्बिक को छह 3000 एचपी डीजल इंजन आपूर्ति किए थे, जो वहां सफलतापूर्वक संचालित हो रहे हैं। इन इंजनों की उत्कृष्ट कार्यक्षमता को देखते हुए मोजाम्बिक रेलवे ने मेसर्स राइट्स के माध्यम से बरेका को 10 नए 3300 एचपी इंजनों का अनुबंध सौंपा। ये केप गेज (1067 मिमी) इंजन 100 किमी/घंटा की गति से चलने में सक्षम हैं और इनमें चालक सुविधाओं के लिए रेफ्रिजरेटर, हॉट प्लेट, मोबाइल होल्डर, आकर्षक कैब डिज़ाइन और शौचालय जैसी विशेषताएं शामिल हैं। ये सुविधाएं अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप कार्यस्थल की गुणवत्ता को दर्शाती हैं।

महाप्रबंधक नरेश पाल सिंह ने इस उपलब्धि पर बरेका के अधिकारियों और कर्मचारियों की कार्यकुशलता की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह निर्यात भारत की आत्मनिर्भरता और वैश्विक साझेदारी को नई ऊंचाइयों पर ले जाता है। बरेका ने 1956 में स्थापना के बाद से भारतीय रेलवे, इस्पात संयंत्रों, खानों, बंदरगाहों और निर्यात के लिए 10,000 से अधिक लोकोमोटिव का निर्माण किया है। 1976 में तंजानिया को पहला इंजन निर्यात करने के बाद वियतनाम, माली, सेनेगल, अंगोला, म्यांमार, बांग्लादेश, श्रीलंका, मलेशिया, मोजाम्बिक और सूडान जैसे देशों को बरेका के इंजन आपूर्ति किए गए हैं।

यह निर्यात न केवल बरेका की तकनीकी श्रेष्ठता को रेखांकित करता है, बल्कि ‘मेक फॉर द वर्ल्ड’ के तहत भारत की वैश्विक पहचान को भी मजबूत करता है। बरेका के इन इंजनों की मोजाम्बिक की रेल पटरियों पर दौड़ने से भारतीय रेल निर्माण इकाइयों की विश्वसनीयता और साख को और बल मिलेगा। यह उपलब्धि भारतीय रेलवे के लिए गर्व का क्षण है और वैश्विक मंच पर भारत की इंजीनियरिंग क्षमता का एक और प्रमाण है।