बीजेपी का स्वच्छता पखवाड़ा भी नही आया काम, नगर निगम की उदासीनता से काशी में फैली दुश्वारियां

 
रिपोर्ट : ओमकारनाथ, संवाददाता
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बीजेपी के द्वारा चलाया गया स्वच्छता पखवाड़ा भी नगर निगम को कुंभकरणीय नींद से नही जगा पाया। स्मार्ट सिटी वाराणसी के एतिहासिक धरोहर और मंदिरो का क्षेत्र भदैनी, असि और शिवाला में गंदगी का अंबार लगा हुआ है। जबकि बीजेपी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन पर नगर निगम के सहयोग से स्वच्छता पखवाड़ा चलाकर नगर निगम के सभी 100 वार्डों में स्वच्छता अभियान चलाया था। जिसके बाद भी नगर निगम के कर्मचारियों के उदासीनता की वजह से लोग परेशान है।
काशी नगरी में आने वाले पर्यटक नगर निगम की उदासीनता से आए दिन रूबरू होते है। स्थानीय लोगो ने बताया कि बताया की जब भी प्रधानमंत्री वाराणसी में आते है, तब सड़क के डिवाइडर को बनाने और रंग रोगन करने का कार्य होता है। इसके बाद जनता को अनाथ छोड़ दिया जाता है। पैच हुए मार्ग फिर कुछ महीने में जर्जर हो जाती है और सीवर हमेशा खराब रहता है। जगह - जगह पुरुष और महिलाओं के बाथरूम करने के लिए जगह बने हुए हैं जिसकी हालत बद से बत्तर है। 
वही असि और शिवाला क्षेत्र में पद्म विभूषण और पद्मश्री से सम्मानित कई विशिष्ट लोग रहते हैं। काशी के स्वच्छता के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए जाते है, लेकिन इतने पैसे खर्च होने के बाद भी असि और शिवाला क्षेत्र में बने शौचालय की स्थिति दैनिक बनी हुई है। शौचालय में नल गायब है, तो वही पेशाब घर का स्थिति बहुत ही खराब है, जिससे लोग पब्लिक शौचालय में जान से कतराते है। शिवाला के इरशाद आलम से बात करने पर उन्होंने बताया कि अभी मैं बाथरूम करने गया था, लेकिन मूत्रालय की स्थिति देख वहां नही गया। उन्होंने बताया की बनारस में मुमुक्षु भवन से लेकर तुलसी घाट के सामने बने मूत्रालय से की स्थिति अमूमन यही हाल है। उन्होंने आगे बताया हर जगह महिला मूत्रालय भी बना है, लेकिन कई स्थानों पर मूत्रालय के दरवाजे ही गायब हैं। जिससे वहा भी विभत्स्य स्थिति रहती है। 
 वहीं स्थानीय अशोक कुमार मौर्य ने बताया कि इस क्षेत्र में जितने भी शौचालय बने है, सब की स्थिति बहुत ही खराब है। कहीं नल नहीं है, तो कहीं हाथ धुलने की व्यवस्था नहीं है। कहीं शौचालय का दरवाजा टूटा हुआ है और सबसे खराब स्थिति तो यहां पर पेशाब घर की है, जहां लोग जाने से कतराते हैं और शौचालय के बाहर अगल-बगल शौचालय करते दिख जाते हैं। पूरी तरह से साफ सफाई नहीं होता एक या दो महीने में कभी नगर निगम आता है तो साफ सफाई होता है जिससे पूरे शौचालय घर में गंदगी पसारा हुआ है।