BHU के महिला महाविद्यालय में बनेगा नया हास्टल, भगवानदास व राधाकृष्णन छात्रावास की क्षमता होगी दोगुनी, वीटी में सुविधाओं का विस्तार 

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) में महिला महाविद्यालय (Womens collage) में आधुनिक सुविधाओं से लैस एक हजार छात्राओं की क्षमता वाले छात्रावास (hostel) का निर्माण होगा। वहीं भगवान दास छात्रावास (BHU Bhagwandas hostel) तथा सर्वपल्ली राधाकृष्णन छात्रावास (BHU Sarvapalli Radhakrishnan hostel)  का उन्नयन एवं विस्तार कर इसकी क्षमता दोगुनी की जाएगी। कमच्छा परिसर में शैक्षणिक एवं आवासीय खंडों का विकास, बीएचयू अस्पताल (sir sundarlal hospital BHU) में इलाज के लिए आने वाले मरीज़ों के परिजनों हेतु विश्राम सदन का निर्माण, भारत कला भवन की वीथिकाओं का आधुनिकीकरण एवं उन्नयन, केन्द्रीय ग्रंथालय भवन (Central library BHU) का उन्नयन एवं नवीनीकरण, रसायनशास्त्र विभाग की ऐतिहासिक इमारत का पुनरुद्धार, तथा विद्यार्थी गतिविधियों के लिए समर्पित सुविधा के विकास की परियोजना शामिल है। इसको लेकर कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने सभी हितधारकों संग मीटिंग की। इसमें भविष्य की योजनाओं व विकास कार्यों को लेकर चर्चा की गई। 
 

वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) में महिला महाविद्यालय (Womens collage) में आधुनिक सुविधाओं से लैस एक हजार छात्राओं की क्षमता वाले छात्रावास (hostel) का निर्माण होगा। वहीं भगवान दास छात्रावास (BHU Bhagwandas hostel) तथा सर्वपल्ली राधाकृष्णन छात्रावास (BHU Sarvapalli Radhakrishnan hostel)  का उन्नयन एवं विस्तार कर इसकी क्षमता दोगुनी की जाएगी। कमच्छा परिसर में शैक्षणिक एवं आवासीय खंडों का विकास, बीएचयू अस्पताल (sir sundarlal hospital BHU) में इलाज के लिए आने वाले मरीज़ों के परिजनों हेतु विश्राम सदन का निर्माण, भारत कला भवन की वीथिकाओं का आधुनिकीकरण एवं उन्नयन, केन्द्रीय ग्रंथालय भवन (Central library BHU) का उन्नयन एवं नवीनीकरण, रसायनशास्त्र विभाग की ऐतिहासिक इमारत का पुनरुद्धार, तथा विद्यार्थी गतिविधियों के लिए समर्पित सुविधा के विकास की परियोजना शामिल है। इसको लेकर कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने सभी हितधारकों संग मीटिंग की। इसमें भविष्य की योजनाओं व विकास कार्यों को लेकर चर्चा की गई। 

बैठक में परियोजनाओं में शामिल आर्किटेक्ट व सलाहकार, संस्थानों के निदेशक, संकायों के प्रमुख, संबंधित विभागों व इकाइयों के पदाधिकारी, विश्वविद्यालय निर्माण विभाग तथा केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग के अधिकारी, एवं विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। तीन दिन तक चली इस समीक्षा बैठक में परियोजनाओं के स्थापत्य, डिज़ाइन, निर्माण, क्रियान्वयन की चुनौतियों एवं संभावित समाधानों पर विस्तार से विचार विमर्श हुआ। कुलपति ने कहा कि इन परियोजनाओं को इस प्रकार सावधानीपूर्वक तैयार किया जा रहा है कि विश्वविद्यालय समुदाय को इनका भरपूर लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय समुदाय की बढ़ती ज़रूरतों के अनुरूप कई इमारतों की तत्काल मरम्मत और पुनरुद्धार की आवश्यकता है। प्रो. जैन (BHU VC prof. Sudhir kumar jain)  ने कहा, हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि विश्वविद्यालय के बुनियादी ढांचे का बेहतर से बेहतर उपयोग हो, और साथ ही साथ काशी हिंदू विश्वविद्यालय की गौरवशाली विरासत का भी संरक्षण किया जाए। 

उन्होंने कहा कि पिछले तकरीबन डेढ़ साल में हमने बीएचयू की मास्टर प्लानिंग पर विस्तृत कार्य किया है, जिसमें चुनौतियों और संभावित समाधानों की पहचान की गई है। परियोजना के पूरा होने पर, महिला महाविद्यालय की सुविधाओं का कायाकल्प हो सकेगा और छात्रावास की क्षमता तकरीबन दोगुनी हो सकेगी। विश्वविद्यालय द्वारा छात्राओं के लिए छात्रावास सुविधाओं के विस्तार पर विशेष ज़ोर दिया जा रहा है। इसी क्रम में विश्वविद्यालय परिसर में 1200 सीटों वाला कन्या छात्रावास पहले से ही निर्माणाधीन है। महिला महाविद्यालय के प्रस्तावित छात्रावास में 1000 से अधिक छात्राओं की क्षमता होगी, जिसमें बड़े कमरों, सोशल स्पेस, भोजन कक्ष, रीडिंग हॉल, चिकित्सा कक्ष  के साथ ही छात्राओं के माता-पिता के लिए रुकने की व्यवस्था का भी प्रावधान होगा। कॉलेज के मौजूदा विज्ञान और गृह विज्ञान भवनों के भी जीर्णोद्धार का प्रस्ताव है और ये भवन स्थान और अत्याधुनिक सुविधाओं से संबंधित चुनौतियों का समाधान करने में सक्षम होंगे।


 
विधि संकाय Law faculty BHU) के भगवान दास छात्रावास और कृषि विज्ञान संस्थान (Institute of agriculture science BHU) के सर्वपल्ली राधाकृष्णन छात्रावास का भी नवीनीकरण किया जाना है। इन छात्रावासों के विस्तार से न केवल उनकी क्षमता लगभग दोगुनी हो सकेगी, बल्कि विद्यार्थियों को बेहतर सुविधाएं भी मिल सकेंगी। इसके अतिरिक्त, बीएचयू परिसर में स्थित श्री विश्वनाथ मंदिर (Shre Vishwanath temple BHU)  परिसर के विकास की संभावनाओं को भी तलाशा जा रहा है, ताकि मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं और तीर्थयात्रियों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हो सकें। त्योहारों से अतिरिक्त साधारण दिनों में भी मंदिर में तकरीबन 7 से 8 हजार दर्शनार्थी आते हैं। प्रस्ताव में पार्किंग सुविधाओं के विकास, त्योहारों के दौरान भारी भीड़ के प्रभावी प्रबंधन, श्रद्धालुओं के लिए बेहतर सुविधाएं, सुरक्षा उपाय और मंदिर परिसर के सौंदर्यीकरण पर विचार किया जा रहा है।

कुलपति को ट्रॉमा सेंटर (Trauma centre BHU) परिसर में बन रहे क्रिटिकल केयर अस्पताल (critical care unit) की प्रगति के बारे में भी अवगत कराया गया। 190 बिस्तरों वाली इस सुविधा की बीएचयू अस्पताल में लंबे समय से ज़रूरत महसूस की जा रही थी, जो देश के इस हिस्से की एक बड़ी आबादी की चिकित्सा आवश्यकताओं को पूरा करता है। इस सुविधा में 20 बिस्तरों का एक समर्पित बर्न्स आईसीयू भी शामिल होगा। विश्वविद्यालय लगभग 60 वर्ष पुरानी सीवेज व जल निकासी व्यवस्था व जलापूर्ति को और बेहतर व प्रभावी बनाने पर भी कार्य कर रहा है। इसके लिए सलाहकार की नियुक्ति कर ली गई है और कार्य प्रगति पर है।

प्रोफेसर जैन ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रभावी गति से आगे बढ़ रहा है और बदलते समय और बढ़ती जरूरतों के अनुरूप चलने के लिए विश्वविद्यालय समुदाय के समक्ष एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। उन्होंने विश्वविद्यालय के समग्र कायाकल्प के लिए व्यापक योजना बनाने में उनके समर्पित कार्यों के लिए यूडब्ल्यूडी (UWD) और सीपीडब्ल्यूडी (CPWD) टीमों की सराहना की। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि गुणवत्ता के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा और परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए नियमित निगरानी के साथ-साथ समीक्षा बैठकें भी सुनिश्चित की जानी चाहिए।